वराहपुराण में 217 अध्याय और लगभग दस हजार श्लोक हैं, जिनमें भगवान वराह के धर्मोपदेश कथाओं के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं। इन्ही उपदेशों में पूजा से जुड़े कुछ जरूरी नियम भी हैं। जहां भगवान वराह ने पूजा से जुड़े ऐसे दस निषेध काम बताए है, जिन्हें पूजा के दौरान करने पर व्यक्ति को पाप का हिस्सेदार बनना पड़ता है।
– वराहपुराण के अनुसार पूजा के दौरान कोई नीले या काले कपड़े पहनता है तो वो पूजा नहीं है।
– वराहपुराण में वर्णित भगवान वराह के उपदेशानुसार, ‘अपराध करके अर्जित धन से मेरी सेवा या उपासना करना पूजा नहीं, बल्कि अपराध है’।
– शव को स्पर्श करने के बाद, बिना स्नान किए पूजा करना मुझे स्वीकार्य नहीं है।
– संभोग करके बिना स्नान किए मेरा पूजन करना भी एक अपराध है।
– अगर गुस्सा करके मेरी उपासना करता है तो ऐसी पूजा मुझे स्वीकार्य नहीं है।
– वराहपुराण के अनुसार अंधेरे में भगवान की मूर्ति या तस्वीर को स्पर्श करना और पूजा करना दोनों ही भागवत अपराध है।
– घंटी-शंख आदि की आवाज किए बिना पूजा करना भी मुझे स्वीकार्य नहीं है।
– अगर कोई पूजा से पहले या बाद बेअर्थ की बातें और बकवास करता है, तो उसकी पूजा को मैं स्वीकार नहीं करता हूं।
– अगर कोई खाकर बिना कुल्ला किए पूजा करता है, तो उसकी पूजा स्वीकार नहीं होती।
– दीपक का स्पर्श कर बिना हाथ धोए मेरी उपासना करता है, तो मैं उसकी पूजा को स्वीकार नहीं करता हूं।