जिलेभर में अमानक पानी पाउच की बिक्री हो रही है। इसको लेकर 22 अप्रैल को पत्रिका ने ‘पानी के पाउच में न एक्सपायरी डेट न बैच नंबर’ शीर्षक नाम से खबर प्रकाशित की थी। खुलासा किया था कि बाजार में बिकने वाला पानी आम व्यक्ति की सेहत के लिए उचित नहीं है। नियमों का पालन तक नहीं हो रहा है। लोगों द्वारा अमानक पाउच बिक्री और पैकिंग की शिकायत भी दर्ज कराई जा रही थी।
डिप्टी कलेक्टर ओम नारायण सिंह को खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग का अभिहित अधिकारी नियुक्त होने के बाद कार्रवाई में तेजी आई है। इसके पहले खाद्य प्रशासन विभाग के सीएमएचओ पदेन उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन होते थे। अभी तक राजनीतिक दबाव के चलते मिलावट के कारोबारियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। ओम नारायण की नियुक्ति के बाद यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले बीते दिनों मैहर में दबिश दी गई थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जांच में पाया कि दोनों प्लांट में बड़ी मात्रा में स्टॉक रखा हुआ है। पांच हजार से अधिक पानी के पाउच और सैकड़ों जार का स्टॉक था। बोर के पानी को बीआइएस (ब्यूरो इंडियन स्टैंडर्ड) मानको के विपरीत बिना फिल्टरेशन पैक किया जा रहा है। टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों प्लांट से पानी के पाउच के सैम्पल लिए और भोपाल प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा।
जांच टीम ने नारायण तालाब के पास उतैली स्थित कुसुम एक्वा मिनरल ब्रांड-शुभ, प्रोपराइटर सुरेंद्र गुप्ता और नीमी स्थित एएस मिनरल्स ब्रांड जलम प्रोपराइटर आशुतोष सिंह के वॉटर प्लांट में औचक दबिश दी। टीम ने पाया कि प्लांट में मशीन चल रही है। पानी के पाउच और जार की पैकिंग की जा रही है। जबकि दोनों प्लांट के संचालकों द्वारा बीआइएस (ब्यूरो इंडियन स्टैंडर्ड) और एफएसएसएआइ (खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम) के तहत लाइसेंस ही नहीं लिया गया है। बिना लाइसेंस वॉटर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। उसके बाद टीम ने दोनों प्लांट को सीज कर दिया।