दरअसल, उप निरीक्षक डीपी सिंह एक मामले की जांच कर नागौद के रास्ते पन्ना जा रहे थे। जैसे ही सुंदरा मोड़ के समीप पहुंचे तो सड़क दुघर्टना का शिकार हो गए। हादसे के बाद साथी उप निरीक्षकों में शोक की लहर दौड़ गई थी। सभी साथी गृह ग्राम में पहुंचकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इसके बाद कुछ साथियों ने सोचा कि ऐसा किया जाए। जिससे एसआई की विधवा पत्नी को दर-दर की ठोकरें न खानी पड़े। आपस में तय किया कि इस विकट और दुख की घड़ी में परिजनों के साथ खड़े होकर मदद करना चाहिए। फिर क्या 2012 बैच में चयनित एसआई ने एक-दूसरे को मैसेज शेयर कर फंड एकत्र करने की मांग की।
मृतक एसआई की पत्नी को सौंपा चेक जैसे ही 22 अक्टूबर को 7 लाख 25 हजार रुपए एकत्र हो गए। वैसे ही मृतक एसआई की पत्नी सविता सिंह को सतना स्थित आवास पर चेक सौंप दिया। इस दौरान 2012 बैच के सदस्यों ने परिजनों को हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया। मोहल्ले में जैसे ही पुलिस की दरियादिली की बात फैली तो सभी ने पुलिस के जज्बे को सलाम किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शायद यह प्रदेश का पहला ऐसा बैच होगा। जो साथी एसआई के लिए अनोखा कारनामा किए है।