scriptsidhi: वर्ष 1947 में रीवा रियासत द्वारा किया गया था सीधी नगर पालिका का गठन | sidhi: In the year 1947, Sidhi municipality was formed by the princely | Patrika News
सतना

sidhi: वर्ष 1947 में रीवा रियासत द्वारा किया गया था सीधी नगर पालिका का गठन

शहर का इतिहास….
शहर के तीन गांव पहली बार किये गए थे नगर पालिका में शामिल -पांच बार किया जा चुका है नगर पालिका सीधी की सीमा का विस्तार -अब छठवीं बार सीमा विस्तार की चल रही प्रक्रिया

सतनाMay 09, 2023 / 10:18 pm

Manoj Kumar Pandey

sidhi: In the year 1947, Sidhi municipality was formed by the princely

sidhi: In the year 1947, Sidhi municipality was formed by the princely

सीधी। नगर पालिका परिषद सीधी का गठन वर्ष 1947 में तत्कालीन रीवा रियासत द्वारा किया गया था। गठन के समय नगर पालिका में तीन गांव शामिल किए गए थे। जिमसें कोटहा, कोतरकला तथा अमहा शामिल था। इसके बाद 1953 में नगर पालिका परिषद सीधी का विस्तार किया गया, जिसमें पूर्व में सम्मिलित ग्रामों के अतिरिक्त ग्राम डैनिहा तथा सीधी खुर्द को सम्मिलित किया गया। वर्ष 1975 में पुन: विस्तार करते हुए करौंदिया उत्तर टोला व करौंदिया दक्षिण टोला का विस्तार किया गया। इसके पश्चात वर्ष 1995 एवं 2003 में भी नगर पालिका सीधी के सीमा में बृद्धि की गई। वर्तमान में नगर पालिका परिषद में 24 वार्ड हैं। नगर पालिका परिषद का क्षेत्रफल 1607.80 हेक्टेयर तथा 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 54 हजार 331 है।
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चौहान खंड के नाम से जाना जाता है क्षेत्र-
सीधी नगर में अधिकतर चौहान जाति के क्षत्रियों की बस्ती होने से इसे चौहान खंड कहा जाता है। अभिलेखों के अनुसार नरसिंह नाम के चौहान मैनपुर से यहां आए तथा चुरहट के राव घराने ने उनको सीधी में 64 ग्राम तथा राव घराने वर्दी ने 29 ग्राम दिये थे। यह सभी ग्राम उनके बतौर मायप में दिये गए थे। उन ग्रामों का कोई कर उन्हें नहीं देना पड़ता था। पूर्व से ही इस तहसील का सदर स्थान सीधी था। इस प्रकार सीधी तत्कालीन रीवा रियासत का अंग था तथा इस पर शासन जागीरदारों द्वारा किया जाता था, जिन्हें पवाई कहते थे। इस क्षेत्र में बघेलों का राज्य था। वर्ष 1938 में सीधी को प्रशासकीय दर्जा प्राप्त हुआ तथा वर्ष 1949 में इसे विंध्यप्रदेश का जिला मुख्यालय घोषित किया गया।
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सूखा नदी में नहाते थे व्यापारी, अब टूट चुकी है धार-
जिला व्यापारी संघ के अध्यक्ष लालचंद गुप्ता बताते हैं कि करीब 40 वर्ष पूर्व जब हम पढ़ाई करते थे, तब बाजार के सभी बच्चे और बड़े भी सूखा नाले में नहाने जाते थे। तब यह नाला नहीं बल्कि नदी के स्वरूप में थी। पर्याप्त पानी था, नदी पूरी तरह स्वच्छ थी। बच्चों को सूखा रोग होने पर ग्रामीण अंचलों सहित दूसरे जिले से लोग सूखा नदी में नहलवाने लाते थे। ऐसी मान्यता थी की सूखा नदी के पानी में नहलवाने से सूखा रोग समाप्त हो जाता था। लेकिन सूखा नदी नाले के रूप में बदल चुकी है। बढ़ती आबाद व शहर विस्तार के साथ गर्मी के मौसम में नदी का पानी सूख जाता है। शहर के नालियों को सूखा नदी में जोड़ दिया गया है, जिससे यह नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। गर्मियों के मौसम में केवल शहर के नालियों का पानी ही इसमें बहता है।
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छठवीं बार चल रही विस्तार की प्रक्रिया-
नगर पालिका परिषद सीधी के विस्तार की छठवीं बार प्रक्रिया चल रही है। नगर पालिका परिषद सीधी के विस्तार में सीमावर्ती 23 गांव शामिल किये जाने हेतु अधिसूचित किये गए हैं। इन गांवों की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 29 हजार 9 एवं कुल क्षेत्रफल 4244.995 हेक्टेयर क्षेत्र है। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा और उक्त अधिसूचित गांव नगर पालिका मेें शामिल हो गए तो नगर पालिका का क्षेत्रफल लगभग दो गुना हो जाएगा, वहीं करीब 15 से 20 नए वार्ड बन जाएंगे।
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सीमा विस्तार के बाद इस प्रकार बनेगी नपा की सीमा-
यदि नगर पालिका परिषद सीधी में चिन्हित 23 गांवों को जोडक़र नपा की सीमा विस्तार हो जाता है तो उत्तरी सीमा में राजस्व गा्रम मध्ुारी पवाई, नौढिय़ा एवं कोतर खुर्द गांव की अंतिम सीमा होगी। वहीं पूर्व में राजस्व ग्राम कोतर खुर्द, पड़ैनिया खुर्द, पड़ैनिया कला, पड़ैनिया पवाई, बटौली, जोरौंधा तथा सोनाखाड़ की अंतिम पूर्व सीमा बनेगी। इसी तरह दक्षिण दिशा में राजस्व ग्राम सोनाखाड़, मूड़ी, रामगढ़, खैरही, रामपुर, पडऱा, पनवार चौहानन टोला की अंतिम दक्षिणी सीमा बनेगी। इसी तरह पश्चिम में राजस्व ग्राम पनवार चौहानन टोला, पनवार बघेलान, जमोड़ी सेंगरान, जमोड़ी कला, जमोड़ी खुर्द एवं मधुरी पवाई की अंतिम पश्चिमी सीमा बनेगी।
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