ऐसे होता है गवर्नर का खेल
वाहनों में दो प्रकार के स्पीड गवर्नर लगते हैं। नए वाहनों में इलेक्ट्रॉनिक स्पीड गवर्नर होते हैं। पुराने वाहनों में डीजल पाइप वाले स्पीड गर्वनर लगते हैं। वे ज्यादा स्पीड बढ़ाने पर इंजन में डीजल की सप्लाई रोक देते हैं। लेकिन फिटनेस करवाने के बाद इसे निकाल दिया जाता है। इसकी जांच करने वाला कोई नहीं होता है।
यह है गाइड लाइन
बसों में स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए, चालक को न्यूनतम 5 वर्ष वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए, सीट के नीचे बस्ते रखने की व्यवस्था हो, बस में अग्निशमन यंत्र हो, स्कूल बस में कंडक्टर का होना भी अनिवार्य है, बस के दरवाजे तालेयुक्त होने चाहिए, बस में प्राथमिक उपचार के लिए फस्ट एड बॉक्स हो, बसों की खिड़कियों में आड़ी पट्टियां (ग्रिल) लगी हो, स्कूली बस में ड्राइवर व कंडक्टर के साथ उनका नाम व मोबाइल नंबर लिखा हो, बस में सीसीटीवी कैमरे भी होना चाहिए, ताकि बस के अंदर की दुर्घटना के बारे में पता लगाया जा सके, बसों का उपयोग स्कूल की गतिविधियों व परिवहन के लिए किया जाएगा, वाहन पर पीला रंग हो, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम हो।