डकैतों को गोली लगने की बात सामने आने के बाद पुलिस ने जंगल में सर्चिंग करना शुरू किया। इसी दौरान वीरपुर के जंगल में कुछ स्थानों पर खून के धब्बे मिले। इसके बाद पुलिस पुष्ट हो गई कि डकैतों को गोली लगी है। लेकिन, कितने डकैत मारे गए हैं, पुष्टि नहीं हो पा रही थी। रात में सर्चिंग के दौरान बबुली व लवलेश के शव जंगल में मिलने के बाद पुलिस ने पुष्टि कर दी।
शव की बरामदगी के बाद पुलिस मझगवां अस्पताल पहुंची। वहां डॉक्टरों की टीम ने पीएम किया। मौके पर ही पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई की और औपचारिकताओं को पूरा करने का काम शुरू किया, ताकि शव परिजनों को सौंपा जा सके।
पुलिस भले ही रविवार की रात का घटनाक्रम बता रही हो, लेकिन मझगवां में जब इन दोनों डकैतों का शव लाया गया तो वे काफी बदबू मार रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि बदबू इतनी तेज थी जैसे लाश दो दिन पुरानी हो। हकीकत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी।
गत दिनों बबुली कोल ने हरसेड़ गांव से किसान अवधेश द्विवेदी का अपहरण कर फिरौती वसूली थी। इसके बाद से माना जाने लगा था कि बबुली ने बड़ी गलती कर दी है। इसके पीछे कारण था कि हरसेड़ वो गांव है, जहां बबुली को संरक्षण मिला करता था। उसी गांव में ऐसी वारदात कर के ग्रामीणों के लिए अविश्वनीय बन गया था। उसको लेकर मुखबिरी बड़े पैमाने पर होने लगी थी। ग्रामीणों के अंदर गुस्सा भी था कि जिसको मदद की, वो ही गांव में दहशत फैला रहा है।
इस पूरी वारदात को लेकर जंगल में एक कहानी चल रही है कि पुलिस ने कांटे से कांटा निकाला है, जो हमेशा होता रहा है। सूत्रों की माने, तो इसमें बड़ी भूमिका लाली कोल की है, जो हरसेड़ का रहने वाला है। विगत ६ माह पूर्व गैंग में शामिल हुआ था। उसने ही बबुली कोल को किसान अवधेश के पास रकम होने की सूचना दी, फिरौती वसूलवा कर गैंग के सदस्यों का करीबी बना। उसके बाद पुलिस से मिलीभगत करते हुए बबुली को निपटा दिया और पुलिस को सरेंडर कर दिया। इस तरह पुलिस ने बबुली गैंग को भी खत्म कर दिया और अपने मोहरे को भी बचा लिया।