रेलवे के इस आदेश के साथ ही एक अफवाह भी वायरल हो गए। माना जाने लगा कि अब रेलवे बिना मुआवजा दिए ही जमीन ले लेगा। उसके बदले महज 5,00,000 रुपए ही दिए जा सकेंगे। जबकि वास्तविकता यह है कि रेलवे मुआवजे की राशि पहले की तरह ही देगा। इसके नियमों में कोई संशोधन या परिवर्तन नहीं किया गया है। जो नया आदेश जारी किया गया है उसमें सिर्फ नौकरी के प्रावधान को हटाकर उसकी जगह अधिकतम 500000 रुपए तक देने की बात कही गई है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह पांच लाख रुपए संबंधित हितग्राही को तब दिए जाएंगे, जब कोई विहित अधिकारी यह प्रमाणित कर देगा कि वह जमीन रिक्त कर दी गई है। अगर इस जमीन के कई हकदार होंगे तो यह 5,00,000 रुपए सभी को बराबर हिस्सों में बांटकर दिए जाएंगे।
यह आदेश 11 नवंबर 2019 के बाद से लागू हो गए हैं। इसके पहले जितनी जमीन रेलवे द्वारा अधिग्रहीत की गई है उन मामलों में रेलवे नौकरी के प्रावधान पर कायम रहेगा। 11 नवंबर के बाद जिन जमीनों का अधिग्रहण होगा, उन्हें नौकरी की पात्रता नहीं होगी।