संघ चालक समाज में संघ के प्रतिनिधि संघ प्रमुख डॉ भागवत ने संघ चालकों के दायित्व पर कहा कि संघ चालक समाज में संघ के प्रतिनिधि होते हैं। समाज में लोग उनकी ओर आशा भरी दृष्टि से देखते हैं। समाज में उनकी स्वीकार्यता हो इसके लिए संघ चालक को दृष्टिकोण रखना पड़ेगा। समाज के हित में ऐसे कार्यों में अग्रणी भूमिका में रहना होगा जो समाज को प्रेरणा देते हैं। संघ चालकों को दिए गए इस उद्बोधन को संघ के विस्तार की कड़ी के रूप में लिया गया है, जो संघ का समरसता के भाव में सभी वर्गों के साथ हिन्दुत्व को एकजुट कर आगे बढ़ने की दिशा में प्रयास है।
सामाजिक विषमता पर समरसता उद्बोधन सत्र के बाद अगले सत्र में सामाजिक समरसता पर गंभीर मंथन किया गया। इसमें रमेश पतंगे की किताब मैं, मनु और संघ पर चर्चा हुई। समाज की विषमता को दूर करते हुए सामाजिक समरसता पर आगे बढ़ने और समाज को जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास करने पर बल दिया गया। इसके लिए जिला स्तर पर गोष्ठियां कर वैचारिक विस्तार की दिशा पर काम करने की बात सामने आई। यह कहा गया कि संघ में जाति भाव और अश्पृश्यता की जगह नहीं है। हमें बंटना नहीं है। इस बात पर बल दिया गया कि समाज में इस भ्रांति को दूर किया जाए कि संघ सवर्णों और मनुवादियो का है। बंटेंगे तो नुकसान होगा लिहाजा इक्कठे रहने के भाव को समाज में लाया जाए। इस दौरान बनारस और दरभंगा दंगों पर भी चर्चा हुई। जिसमें बताया गया कि संघ ने अपने लोगों की किस तरह से मदद की। तय किया गया कि हिन्दुत्व को एकजुट करने जिला स्तर पर तेजी से पहल की जाए। इस दौरान अपेक्षितों की उपस्थिति और अनुपस्थिति की भी जानकारी ली गई। लगभग 10 लोग अनुपस्थित रहे जिनकी जानकारी प्राप्त की गई।
परिवार के साथ पहुंचे कई संघ चालक इस बार के वर्ग में एक नया प्रयोग देखने को मिला। पंच परिवर्तन से जुड़ेबिन्दुओं को लेकर कई संघ चालक अपने परिवार के साथ चित्रकूट पहुंचे। हालांकि परिवार जन वर्ग की बैठकों में शामिल नहीं हुए लेकिन महिलाओं को आस-पास के गांवों का भ्रमण करवाया गया। बताया गया कि इसके पीछे महिलाओं को संघ के वर्ग की व्यवस्था से अवगत करवाना है।
संघ प्रमुख ने करवाया पंचकर्म संघ प्रमुख डॉ भागवत प्रात: साढे तीन बजे कर्वी धाम रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से वे आरोग्यधाम परिसर के वैदेही भवन पहुंचे। यहां विश्राम के बाद वे 5 बजे से 8 बजे तक तीन घंटे आरोग्यधाम के आयुर्वेद भवन में पंचकर्म चिकित्सा करवाई। पहले दिन उन्होंने एक सत्र में ही सहभागिता निभाई।