कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में सतना लोकसभा सीट से सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दिए जाने से यहां चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है। दरअसल सिद्धार्थ सिंह सतना से मौजूदा विधायक हैं जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों में सांसद गणेश सिंह को हराया था। अब भाजपा ने एक बार फिर गणेश सिंह को सतना से अपना उम्मीदवार बनाया है तो कांग्रेस ने भी गणेश सिंह को ही हराने वाले सिद्धार्थ सिंह को लोकसभा के चुनावी मैदान में उतार दिया है। ऐसे में देखना दिलचस्प है कि क्या सिद्धार्थ सिंह विधानसभा चुनाव की ही तरह एक बार फिर गणेश सिंह को हराते हैं या फिर गणेश सिंह लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव में मिली हार का बदला चुकाते हैं।
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गणेश सिंह वर्तमान में सतना लोकसभा सीट से सांसद है वो चार बार सतना सीट से चुनाव जीत चुके हैं। अगर गणेश सिंह के राजनीतिक सफर की बात करें तो इसकी शुरुआत 1995 से हुई। वह 1995 से 1999 तक सतना जिला परिषद के सदस्य रहे। उन्होंने इसके बाद 1999-2004 तक जिला पंचायत का पद संभाला। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें साल 2004 में 14वीं लोकसभा का टिकट दिया। इसके बाद वह मानव संसाधन विकास संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे। 2009 में फिर उन्हें टिकट दिया गया और वह फिर चुनाव जीत गए। वह 2011-2016 तक बीजेपी एमपी के सचिव रहे। 2014 में फिर मोदी लहर के बीच चुनाव हुए और गणेश सिंह फिर जीते। मई 2019 में उन्हें 17 वीं लोकसभा के लिए चुना गया।
सिद्धार्थ कुशवाहा (डब्बू) को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। सिद्धार्थ कुशवाहा सतना विधानसभा सीट से दो बार से विधायक हैं। 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर सिद्धार्थ पहली बार विधायक बने थे और फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया और सिद्धार्थ विधानसभा चुनाव में सांसद गणेश सिंह को हराकर दोबारा विधायक बने। सिद्धार्थ सिंह का ये पहला लोकसभा चुनाव है। यहां ये भी बता दें कि सिद्धार्थ कुशवाहा के पिता स्वर्गीय सुखलाल कुशवाहा पूर्व सीएम स्व. अर्जुन सिंह को सतना लोकसभा सीट से चुनाव हरा चुके हैं।