उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि 30 मई को सरकार के सात साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में उन्हें जवाब देना चाहिए कि क्या देश नारों पर चलेगा! सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब कमलनाथ ने केंद्र सरकार से बेरोजगारी और महंगाई के संबंध में सवाल किया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैने प्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान चलाया था। अब तो प्रदेश में अब एक नया ‘कोविड माफिया’ खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना से जो महामारी के हालात बने हैं उसके लिए सरकार जिम्मेदार हैं। आरोप लगाया कि कोरोना के दूसरी लहर की जानकारी महीनों से थी लेकिन किसी तरह की तैयारी नही की गई। वैक्सीन के डोज को लेकर चुनावो के कारण घोषणा तो कर दी गई लेकिन वैक्सीन का कहीं पता नही है। अब कहते हैं ग्लोबल टेंडर कराएंगे।
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में डेढ़ लाख लोगों की मौत हुई है जिनमे से 70 फीसद कोरोना से मरे हैं। नकली इंजेक्शनों के कारण जिनकी मौतें हुई हैं उन सब को 5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए। मैं इसके लिए एक एफिडेविट बनवा रहा हूं। सरकार उस एफिडेविट के आधार पर मृतकों के परिजनों को क्षतिपूर्ति दे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इनसे प्रश्न पूछो तो कहते हैं कि देश द्रोही हैं। सच दिखाओ तो एफआईआर दर्ज कराते हैं। क्यों नही सारे आंकड़े जनता के सामने रखते ? क्यों नही बताते कि कितनो को टीका लगा ? अगर वो सॉफ्टवेयर नही बना पा रहे तो मैं बनवाने को तैयार हूं।
इससे पहले मैहर पहुंचते ही प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मां शारदा दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। कोरोना कर्फ्यू के चलते मंदिर बंद होने पर उन्होने मंदिर की सीढ़ियों पर ही मत्था टेक कर पूजन किया।