सतना। विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटक स्थल चित्रकूट के हनुमान धारा में रोप-वे बनाने का रास्ता साफ हो गया है। पर्यटन विभाग की मंशा अनुरूप तथा यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुगमता को देखते हुए कलेक्टर नरेश पाल ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिये। यहां रोप-वे बनाने व संचालन का काम दामोदर रोपवे एण्ड इन्फ्रा लिमिटेड को 30 साल की लीज पर दिया गया है।
इसे तीन साल में रोप-वे प्रारंभ करना होगा। उल्लेखनीय है अभी जिले में मैहर शारदा माता मंदिर में रोप-वे का संचालन हो रहा है। चित्रकूट के दर्शनीय स्थल हनुमान धारा के लिये भी वर्षों से श्रद्धालुओं द्वारा रोप-वे की मांग की जा रही थी।
परेशानियों का करना पड़ता था सामना दरअसल, कामतानाथ स्वामी के दर्शन करने आने वाले लाखों श्रद्धालुओं में से ज्यादातर हनुमानधारा के दर्शन को जाते हैं। पहाड़ों की काफी ऊंचाई पर दुरुह चढ़ाई के कारण जहां लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पर्यटन विभाग तैयार वहीं हादसों की भी आशंका बनी रहती है। इसको लेकर लोगों की मांग थी कि यहां रोप-वे की स्थापना की जाए। एसडीएम मझगवां दीपक वैद्य ने अपना प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा। उधर, पूर्ववर्ती कलेक्टरों द्वारा भेजे गये प्रस्ताव के अनुक्रम में पर्यटन विभाग ने भी यहां रोप-वे के लिये लेख कर चुका था।
प्रीमियम और भू-भाटक जमा करना अनिवार्य रोप-वे स्थापित करने मौजा नयागांव तहसील मझगवां की आराजी नंबर 898/1क/1 का अंश रकवा 0.013 हेक्टेयर, आराजी नंबर 898/क/2 का अंश रकबा 0.014 हेक्टेयर, आराजी नंबर 899 का अंश रकवा 0.040 हेक्टेयर, आराजी नंबर 901/4 का अंश रकवा 0.160 हेक्टेयर एवं आराजी 898/ब/1 का अंश रकवा 0.066 हेक्टेयर कुल क्षेत्रफल 0.293 हेक्टेयर मांगा था।
एक मुश्त जमा करने का आदेश जिला पंजीयक ने इन भूमियों का 17.10 लाख रुपए प्रीमियम और 7.5 फीसदी अर्थात 1.28 लाख रुपए वार्षिक भू-भाटक का निर्धारण किया। लीज आवंटन के साथ ही कलेक्टर ने शासकीय स्वामित्व की इस भूमि पर निर्माण प्रारंभ करने के पहले निर्धारित प्रीमियम एवं भू-भाटक एक मुश्त जमा करने का आदेश जारी किया है।
ये होगा निर्माण अपर टर्मिनल स्टेशन बनाने मंदिर ट्रस्ट की भूमि आराजी नं 896, कारीडोर एवं टावर के लिए वन विभाग की 0.2394 हे. भूमि व लोवर टर्मिनल स्टेशन के लिए रकबा 0.200 हे. (कुल 2000 जमीन मांगी है। आराजी 896 खतौनी वर्ष 1958-59 में मंदिर दर्ज है।
यह हैं शर्तें निर्माण के पहले नगर व ग्राम निवेश की अनुज्ञा जरूरी है। भूमि आवंटन के 1 साल में काम शुरू कर 3 साल में रोप-वे प्रारंभ करना होगा। रोप-वे के अलावा कोई दूसरा प्रयोजन नहीं होगा। शासन द्वारा समय समय पर अधिरोपित शर्तों का पालन करना होगा।
अत्याधुनिक तकनीकि दामोदर रोप-वे के जीएम एसके तिवारी ने बताया, सिंगल रोप 6 ग्रिप रोप-वे आटोमेशन तकनीकि का होगा, जो शत प्रतिशत सुरक्षा मापदंडों के अनुकूल है। ट्राली के गेट स्वत: खुलेंगे और बंद होंगे। निर्माण के लिए जल्द ही बाहर से भी कंसल्टेंट बुलाए जाएंगे।
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