टीम के सामने प्रसूता और उसके परिजनों ने बयान दर्ज कराए। प्रसूता वंदना द्विवेदी ने टीम को बताया कि ऑपरेशन थ्ॉयेटर में इंजेक्शन लगने के बाद उसे तेज दर्द होने लगा। जिसकी शिकायत उसने मौके पर मौजूद चिकित्सक सहित नर्सिग स्टाफ से दर्ज करायी लेकिन सबने अनसुना कर दिया। मुझे तकलीफ बहुत ज्यादा हो रही थी, टेबल पर लेटा नहीं जा रहा था। चिकित्सक दोबारा शिकायत दर्ज करायी तो चिकित्सक ने कहा, अकेले जुझे दर्द हो रहा है, हमनें आधा दर्जन को इंजेक्शन लगाया है किसी को तकलीफ नहीं हो रही। बहाना कर रही है कह, अचानक तमाचे जडऩे आरंभ कर दिए। तकलीफ बढऩे से वह बेहोश हो गई।
प्रसूता के पति कृष्णकुमार ने कहा, हमने जो शिकायत दर्ज करायी है। वहीं हमारे बयान हैं। शिकायत में सच्चाई लिखी गई है। आंख का कराया इलाज-मारपीट का मामला उजागर होने के बाद वंदना की आंखों में खून जम गया था। जिसका प्रबंधन द्वारा नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों से आनन-फानन में इलाज कराया गया। इलाज कर रहे चिकित्सको ने भी आंख में चोट लगना पाया। आंख के इलाज के बाद प्रसूता को डिस्चार्ज कर दिया गया। इधर सीएस और सीएमएचओ जांच टीम गठित करने के बाद बुधवार रात भोपाल रवाना हो गए। दोनों स्वास्थ्य अधिकारी समीक्षा बैठक में शामिल होने गए हैं।