पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुरूआत में खरदूषण पटेल, गया पटेल, हनुमान पटेल, सीताराम पटेल, शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ, सूबेदार उर्फ राधे पटेल, छोटवा पटेल, अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया, सुन्दर पटेल उर्फ रागिया और सुदेश पटेल उर्फ बलखडिय़ा के खात्में के बाद इस समाज विशेष का कोई डाकू तराई में नहीं बचा था। ऐसे में बलखडिय़ा के मारे जाने के बाद ही कयास तेज हो चुके थे कि फिर कोई बदमाश अपनी बाद-शाहत जमाने के लिए हथियार उठाएगा। फिर बलखडिय़ा गिरोह की कमान बबुली कोल ने संभाली लेकिन 5 साल बाद गैंगवार में उसकी भी मौत हो गई।
– 4 जुलाई 2007 को डकैत शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ मारा गया।
– 4 अगस्त 2008 को दस्यु डॉ. अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया मारा गया।
– 25 अप्रैल 2009 को 1 लाख 40 हजार रुपए का इनामी डकैत दीपक पटेल खम्हरिया में यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा।
-11 मार्च 2010 को 50 हजार रुपए के इनामी डकैत सुरेश गौंड़ समेत 4 बदमाश बरौंधा के महतैन में मारे गए।
– 24 दिस बर 2011 को 5 लाख के इनामी सुन्दर लाल उर्फ रामसिया पटेल के साथ खरदूषण उर्फ रामप्रताप गौंड़, श्रीपाल पटेल, भोला मवासी, नत्था मवासी मारे गए।
– 15 जुलाई 2015 को छह लाख रुपए के इनामी डकैत स्वदेश पटेल उर्फ बलखडिय़ा को मार गिराने का दावा उप्र पुलिस ने किया।
– 3 नबंवर 2015 को 80 हजार रुपए के इनामी डकैत चुन्नी लाल पटेल को पुलिस ने मार गिराया।
– 28 मार्च 2016 को 50 हजार रुपए का इनामी डकैत शिवा पटेल गिरफ्तार किया गया।
– 6 अगस्त 2017 को 1 लाख 30 हजार रुपए का इनामी डकैत ललित पटेल पुलिस मुठभेड़ मारा गया।
– 15 सितंबर 2019 को 6 लाख का इनामी डकैत बबुली कोल और 1.50 लाख का बदमाश लवलेश कोल गैंगवार में मारा गया।