
Confident of MP-MLA's ticket
सतना. आचार संहिता का असर सांसद, विधायकों की टिकट पर भी पड़ा है। अब सिर्फ वीआइपी को ही वीआइपी कोटे का लाभ मिल रहा है। रेलवे ने एेसे सभी लेटर हेड पर रोक लगा दी है जो राजनैतिक दल से जुड़े हैं। हम रेलवे के वीआइपी कोटे बात कर रहे हैं। ट्रेन में यात्रा के लिए टिकट कन्फर्म कराने हर रोज होने वाली सिफारिसों पर रोक लगा दी गई है। आचार संहिता का पालन करते हुए अब उसी की सीट कन्फर्म की जा रही है जो इसके लिए अधिकृत हैं।
बैक डोर से इंट्री
आचार संहिता प्रभावी होने के बाद जब रेलवे ने राजनैतिक दलों के लेटर हेड स्वीकार करने से मना कर दिया तो एक बड़ा वर्ग इससे प्रभावित हुआ। एेसे में अब बैक डोर इंट्री से काम चल रहा है। रेलवे सूत्रों की मानें तो सिफारिस तो उसी तरह आ रही हैं लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि लेटर हेड बदल गए हैं। अगर रेलवे के वीआइपी कोटा जारी करने की जांच गंभीरता से हो जाए तो कई एेसे नाम के खुलासे हो जाएंगे जो व्यक्ति अधिकृत नहीं हैं और उनकी टिकट कन्फर्म कर दी गई।
लेटर आने पर रोक नहीं
रेलवे सूत्रों का कहना है कि आचार संहिता प्रभावी होने के बाद भी कई अधिकृत लोगों ने राजनैतिक लेटर हेड का उपयोग किया है। इन पर रेल अधिकारियों को विचार भी करना पड़ा। हालांकि रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि अब तक सांसद विधायक समेत अन्य अधिकृत व्यक्तियों की सिफारिस पर उनके करीबियों को सीट आवंटित कर दी जाती थी। लेकिन आचार संहिता प्रभावी होने के बाद से इस पर रोक लगा दी गई है।
टिकट में पता चलता है
रेलवे अधिकारी बताते हैं कि अधिकृत व्यक्ति जब अपनी टिकट बनवाते हैं तो उसी समय उनके अधिकृत होने के संबंध में इंगित कर दिया जाता है। जब रिजर्वेशन लिस्ट निकलती है तो उससे पता चल जाता है कि किस गाड़ी से कौन वीआइपी जाने वाले हैं। एेसे में उनके टिकट कोटा के हिसाब से कन्फर्म कर दिए जाते हैं।
वर्जन...
अधिकृत लोगों को व्यक्तिगत सीट आवंटित की जा रही है। बाकी सिफारिस बंद है। राजनैतिक दलों के लेटर हेड पर आचार संहिता प्रभावी होने के बाद से रोक लगा दी गई है।
- मृत्युंजय कुमार, एरिया मैनेजर, रेलवे सतना

Published on:
02 Apr 2019 11:59 am
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