इसके साथ ही जिला भाजपा में अब नए सिरे से कयासों के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं तो कुछ लोग मैहर में उपचुनाव की संभावनाएं तलाशने लगे हैं। हालांकि नरेंद्र त्रिपाठी सफाई देते नजर आए कि विधायक नारायण अपने किसी निजी काम में व्यस्त होंगे। समयाभाव के कारण ऐसा हुआ है। लेकिन इस प्रदर्शन में शामिल अन्य पार्टी पदाधिकारी खुलेतौर पर यह मानते नजर आए कि नारायण का पत्ता भाजपा से काट दिया गया है। नारायण को अगुवाई न देने से इस प्रदर्शन में मैहर के कई ऐसे चेहरे भी नजर आए जो सामान्यतौर पर नारायण के नेतृत्व में नदारद रहते थे। इस बार प्रदर्शन में पूर्व विधायक मोतीताल तिवारी, वरिष्ठ भाजपा नेता रामकृपाल पटेल जैसे चेहरे अपने समर्थकों के साथ दिखे।
शुक्रवार के प्रदर्शन को अगर छोड़ दिया जाए तो नारायण से भाजपा की दूरी अन्य कार्यक्रमों में भी स्पष्ट देखी गई है। सदस्यता अभियान के संबंधित संगठन पर्व की प्रादेशिक कार्यशाला सितंबर के पहले सप्ताह में भोपाल में आयोजित की गई थी। इसमें चुनाव अधिकारी, सहायक चुनाव अधिकारी, जिलाध्यक्ष, विधायक और सांसद आमंत्रित किए गए थे। लेकिन इसमें भी नारायण त्रिपाठी को आमंत्रित नहीं किया गया था। इसके बाद माना जाने लगा था कि भाजपा ने अपनी विधायक दल की आंतरिक सूची से नारायण का नाम काट दिया है।
मैहर में भाजपा सहित कांग्रेसी भी विधायक नारायण को लेकर मुखर होने लगे हैं। लगातार गायब नारायण को लेकर भाजपाई और कांग्रेसी एक सुर में यह बोलते नजर आ रहे कि अब नारायण ने जनता से दूरी बना ली है और जनता अपने कामों को लेकर परेशान है। हालांकि यहां कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा नारायण की कांग्रेस में वापसी को लेकर मुखर विरोध कर रहा है।
भाजपा के इस प्रदर्शन से जिला मुख्यालय के कई बड़े चेहरे गायब रहे। पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी के नेतृत्व में लगभग दो सौ भाजपाई मौजूद रहे। महापौर और निगम अध्यक्ष नदारद दिखे तो विधायक टिकट के दावेदार रहे योगेश ताम्रकार सहित कई नामी चेहरे भी दूरी बनाए रहे।