सर्वाधिक आमदनी रोपवे और प्रसाद दुकान व्यापारियों को हुई। जो लगभग ३ करोड़ रुपए है। समिति को पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना अधिक आमदनी हुई। जबकि, दर्शनार्थी अपेक्षाकृत कम थे। ढाई लाख रुपए अधिक राजस्व प्राप्त
रेलवे ने यात्री संख्या कम होने के बाद भी ढाई लाख रुपए अधिक राजस्व प्राप्त किया है। नवरात्रि में प्रतिदिन औसतन एक लाख दर्शनार्थी आए। 15 फीसदी रोपवे से दर्शन के लिए गए। प्रति यात्री 104 रुपये शुल्क के हिसाब से प्रतिदिन रोपवे को 15 लाख 60 हजार मिले। और, नौ दिनों की आमदनी एक करोड़ 40 लाख, 40 हजार रुपए रही।
मंदिर क्षेत्र में 500 दुकानों में से प्रत्येक दुकान का औसतन प्रतिदिन तीन हजार का व्यवसाय हुआ। जो नौ दिनों में 1.35 करोड़ दर्ज किया गया। 500 से अधिक ऑटो चालकों ने 90 लाख कमाए। मां शारदा प्रबंध समिति को कथा पूजन से 21 हजार 410 रुपए, वाहन शुल्क के 9.99 लाख, दान पेटी से 99 हजार 34 रुपए, मुंडन संस्कार केंद्र से चार लाख, 62 हजार 45 रुपये, यात्री निवास एक में आवंटित कमरों से 89 हजार तथा बाजार वसूली से एक लाख 83 हजार सौ रुपये की आमदनी प्राप्त हुई। कुल राशि 11 लाख, 51 हजार 788 रुपये है।
10 दिन में 40 लाख आमदानी
मुख्य आमदनी 21 से 29 सिप्तंबर के बीच हुई। इस दौरान गर्भगृह दान पेटी से ४,६२४४५ रुपए, अन्य तेरह स्थानों से ९,४८१८५ रुपए, गुप्तदान १६,१४७४५ रुपए एवं प्रथम सीढ़ी दान पेटी से १,२३९७२ रुपए मिले। नौ दिनों में समिति को मात्र चढ़ोत्तरी से ३१,४९,३९७ रुपए प्राप्त हुए। इसके अलावा समिति की अन्य ११ लाख ५१ हजार, ७८८ रुपए आमदनी अन्य स्त्रोंतों से हुई। आंकड़ों के हिसाब से १० दिनों में ४६ लाख रुपए की आमदनी हुई।
रेलवे में कम यात्री पर फायदा ज्यादा
पिछले साल एक लाख, ४१ हजार ९८१ यात्रियों से टिकट के ९३ लाख, ७१ हजार, ९०१ रुपए राजस्व मिला था। इस बार संख्या घटकर १.३८ लाख, ५८ रही। लेकिन टिकट राजस्व ९५ लाख, ३२ हजार, ९९६ रुपये दर्ज किया है।
दानपेटी का हिसाब– ४,६२४४५ गर्भ गृह दान पेटी – ९,४८१८५ तेरह स्थान– १६,१४७४५ गुप्तदान– १,२३९७२ प्रथम सीढ़ी-– ३१,४९,३९७ रुपए योग