कबीर के नाम पर लोग अपनी सियासत चमकाने में लगे हुए हैं, 500 वें निर्माण दिवस की आड़ में कबीर समागम की जगह राजनीति का समागम बन गया
•Jan 28, 2018 / 12:19 am•
Ashish Shukla
सांसद और मंत्री जी ने कबीर के मंच से राजनीति की बातें शुरू करदी और शांति और सद्भाव का संदेश देने वाले कबीर के मंच से विपक्षी पार्टियों को कोसने का काम भी शुरू कर दिया गया, साथ ही केंद्र और यूपी सरकार के योजनाओं के कसीदे भी पढ़ने शुरू करदिये, जिसके बाद कबीर समागम राजनीति के समागम में तब्दील हो गया।
शनिवार को जिले के मगहर में स्थित कबीर निर्माण स्थली पर महान सूफी संत कबीर का 500वां निर्वाण दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाने की पूरी स्क्रिप्ट लिखी गई, जहां पर कबीर पंथ के प्रख्यात संत, मधु परमहंस के द्वारा विशाल कबीर समागम का आयोजन रखा गया था। जहां पर देश के विभन्न जगहों से कबीर पंथ के लोग पहुंचे थे ये सोचकर कि, आज कबीर साहब का 500 वां निर्वाण दिवस है और यहां वो अपने पूज्य मधु परमहंस महाराज जी के समागम में सद्गुरु कबीर साहब के विचारों को सुनेंगे।
लेकिन यहां तो मामला कुछ और ही था क्योंकि कबीर साहब का 500 वां निर्वाण दिवस 27 नही बल्कि 28 जनवरी को होना है। लेकिन निर्माण दिवस की आड़ में कबीर साहब के नाम पर राजनीतिकरण किया गया। क्योंकि यहां पर कबीर समागम नहीं बल्कि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के हाथों कई योजनाओं का लोकार्पण का प्रोग्राम रखा गया था और प्रचार हुआ था कबीर समागम का।
कहते हैं तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती। कबीर के मंच पर मौजूद अपने आसन पर बैठे, पूज्य संत मधु परमहंस के ठीक बगल में एक होर्डिंग लगी हुई है। जिसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री मनोज सिन्हा की तस्वीरों के साथ ही होर्डिंग पर यह साफ लिखा हुआ है कि, यहां पर कई योजनाओं का मंत्री जी के द्वारा सांसद जी के गरिमामयी उपस्थिति में मंत्री जी के हाथों लोकार्पण का प्रोग्राम है और हुआ भी वही।
जिसे सबने देखा और समागम के नाम पर दूरदराज से आये हुए कबीर पंथी खुद को ठगा हुआ महसूस किए। आपको बता दें कि इसके पहले मगहर में संत कबीर का निर्माण दिवस बहुत ही सादगी से और चन्द कबीर पंथियों के बीच मनाया जाता था लेकिन इस बार कबीर पंथ के प्रख्यात संत मधु परमहंस के द्वारा मगहर में कबीर निर्माण स्थली पर कबीर समागम का आयोजन रखा गया था। जिसमें संत कबीर का 500 वां निर्माण दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जानें वाला था। सभी तैयारियां पूरी भी होचुकी थी और समागम शुरू होने वाला था के तभी, यहां राजनेताओं की टोली पहुंच गई और कबीर समागम शुरू होने के पहले ही यहां राजनीति शुरू हो गई।
क्यूंकि वहां संत कबीर के विचारों की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले और कबीर निर्माण स्थली मगहर के विकास पुरोधा कहे जाने वाले स्थानीय सांसद, शरद त्रिपाठी 500 वें निर्माण दिवस की आड़ में कबीर के नाम को भुनाने पहुंचे थे , और कुछ ही देर में कबीर समागम राजनीति का अखाड़ा बन गया।
आप बता दें कि मगहर में स्थित संत कबीर की निर्माण स्थली पर शनिवार को आयोजित संतकबीर के 500 वें निर्माण दिवस के मौके पर विशाल कबीर समागम का प्रोग्रम होना था जहां यूपी ही नहीं देश के कोने-कोने से कबीर के मानने वाले लोग पहुंचे थे और कबीर समागम शुरू होने वाला था कि तभी इसी बीच, स्थानीय बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी कबीर समागम में राजनीति करने धमक पड़े और इनके साथ रेल एंव संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और कई स्थानीय बीजेपी नेता भी मंच पर पहुंच गए।
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