इस नरसंहार की चश्मदीद गवाह एवं प्रधान की बेटी रुचि ने 9 नवंबर 2016 को संभल के कुढ़फतेहगढ़ थाने में मां-पिता और दो भाइयों की गोली मारकर हत्या का मामला दर्ज कराया था। इसमें गांव के ही एक नाबालिग समेत 13 लोगों को नामजद किया गया था। बताया था कि आरोपियों के परिवार की महिला मंगलेश उनकी मां के मुकाबले प्रधानी का चुनाव लड़ी थी।
मां शकुंतला के चुनाव जीतने के बाद से यह परिवार रंजिश रखने लगा था। मंगलेश के पति महेश व उसके अन्य परिजनों ने 9 नवंबर की शाम करीब साढ़े सात बजे घर पर धावा बोल दिया था। गोलियां बरसाकर चारों की हत्या कर दी थी। इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या तीन सरोज यादव की अदालत में हुई।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष भटनागर ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य आरोपी महेश, उसके भाई सुरेश, कृष्णपाल उर्फ केपी, विपिन उर्फ पवन को हत्या में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।