दरअसल आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के 2004-5 फर्जी प्रमाण पत्र से करीब 11 लोगों ने संभल में वर्ष 2010 में सरकारी स्कूलों में नियुक्ति ले ली थी. यह खेल उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुआ था और कई जगहों पर इस तरह फर्जीवाड़ा करके लोगों ने सरकारी नियुक्तियां पाई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने फर्जीवाड़े के इस पूरे मामले की जड़ तक जाने के लिए एसआईटी टीम का गठन किया था। एसआईटी ने अकेले सम्भल में 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए थे. इनमें चार बहजोई के दो बनियाखेड़ी दो गुन्नौर और एक संभल का मामला था।
फर्जीवाड़े का यह खेल सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के निर्देश पर इन सभी को 21 सितंबर 2019 में बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के खिलाफ यह सभी हाई कोर्ट गए थे लेकिन हाई कोर्ट में इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टे हाईकोर्ट ने इन्हीं पर सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट के सख्ती दिखाने के बाद अब इन सभी शिक्षकों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई है। शनिवार को बहजोई में दिवाकर, दिशा, सचिन के अलावा संभल में कल्पना और गुन्नौर में विनोद कुमार जुनावई में संदीप वार्ष्णेय तथा श्याम बिहारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।