आजम परिवार उपचुनाव में क्यों जरूरी?
अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद के आजम खान के परिवार से मिलने की सबसे बड़ी वजह है- मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट। दरअसल, कुंदरकी विधानसभा सीट पर 64 फीसदी मुस्लिम आबादी है और माना जाता है कि यहां पर आजम खान का असर है। आइए जानते हैं दोनों सीटों का समीकरण…
कुंदरकी विधानसभा सीट
संभल की कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा के जियाउर्रहमान बर्क विधायक थे। यह सीट उनके सांसद बनने के बाद खाली हुई। सपा इस सीट पर 2012-17 और 2022 में जीत दर्ज कर चुकी है। यह सीट मुस्लिम आबादी बहुल होने के कारण भाजपा के लिए चुनौती है। इस बार यहां सपा से हाजी रिजवान, बीजेपी से ठाकुर रामवीर सिंह और बीएसपी से रफतुल्लाह मैदान में हैं।
मीरापुर विधानसभा सीट
मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर 2022 में रालोद के चंदन चौहान विधायक बने थे। उनके बिजनौर के सांसद चुने जाने से यह सीट खाली हुई है। वर्ष 2012 में यहां बसपा तो 2017 में भाजपा जीती इस सीट पर जाट, दलितों के साथ ही मुस्लिम मतदाता का प्रभाव है। समाजवादी पार्टी ने यहां से बसपा के वरिष्ठ नेता मुनकाद अली की बेटी सुम्बुल राणा को टिकट दिया है। वहीं, आजाद समाज पार्टी ने जाहिद हुसैन को प्रत्याशी बनाया है। आरएलडी ने यहां से पूर्व विधायक मिथिलेश पाल को मैदान में उतारा है तो बसपा ने शाह नजर को प्रत्याशी बनाया है।