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सहारनपुर

देवबंद दारुल उलूम ने खत्म किया राज्यों का कोटा, अब सीधे मेरिट से एडमिशन

विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद से मुफ्ती की पढ़ाई करना मेहनती बच्चों के लिए आसान हो गया है। अब यहां राज्यों के कोटे के अनुसार नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर एडमिशन होंगे।
 

सहारनपुरMar 10, 2023 / 03:46 pm

Shivmani Tyagi

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देवबंद दारुल उलूम की प्रतीकात्मक फोटो

पूरी दुनिया में इस्लामिक शिक्षण संस्थान के नाम से मशहूर दारुल उलूम देवबंद ने मुफ्ती की पढ़ाई की एडमिशन प्रक्रिया में बदलवा कर दिया है। संस्थान ने वर्ष 2023-24 के लिए होने वाले एडमिशन में राज्यों का कोटा खत्म कर दिया है। अभी तक यहां अलग-अलग राज्यों के लिए अलग अलग सीटें निर्धारित थी। अब होनहार बच्चे सीधे मेरिट के आधार पर एडमिशन ले सकेंगे।
अभी तक देवबंद दारुल उलूम में मुफ्ती की पढ़ाई के लिए होने वाले एडमिशन को लेकर राज्य के लिए कोटा निर्धारित था। दारुल उलूम देवबंद में मुफ्ती की पढ़ाई के लिए 40 सीटें हैं। अभी तक इस कोर्स को कराने के लिए 40 सीटों पर अलग-अलग राज्यों के लिए कोटा निर्धारित था। इस पुरानी व्यवस्था को खत्म करते हुए देवबंद दारुल उलूम ने निर्णय किया है कि मुफ्ती की पढ़ाई के लिए एडमिशन अब मेरिट के आधार पर टॉप 40 स्टूडेंट यानी तलबा के होंगे।
यानी साफ है कि अब राज्यवार कोटा नहीं मिलेगा। जो अभ्यर्थी अधिक समझ रखने वाले होंगे, एंट्रेंस को बेहतर ढंग से पास करेंगे उनमें से सर्वोच्च 40 बच्चों का एडमिशन ही इस कक्षा के लिए लिया जाएगा। देवबंद दारुल उलूम शिक्षा प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष देशभर से करीब 1500 तलबा एमडिनश के लिए आवेदन करते हैं। अब मेरिट के आधार पर चयन होगा। राज्यवार कोटा प्रणाली को समाप्त करके मेरिट के आधार पर एडमिशन व्यवस्था शुरू की गई है।
जानिए क्या है मुफ्ती का कोर्स
दारुल उलूम देवबंद एक ऐसा शिक्षण संस्थान है जिसकी मान्यता भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अलग-अलग मुस्लिम देशों में है। हर वर्ष इस कोर्स के लिए देवबंद दारुल उलूम में 1500 से अधिक छात्र अप्लाई करते हैं लेकिन राज्यवार व्यवस्था के चलते देवबंद दारुल उलूम इनमें से महज 40 का ही एडमिशन लेता है। ऐसे में इस्लामिक जगत की अच्छी समझ रखने वाले छात्र भी कई बार एडमिशन नहीं ले पाते। इसी तथ्य को देखते हुए अब देवबंद दारुल उलूम ने राज्यवार कोटा समाप्त कर दिया है। यानी आप जो स्टूडेंट इस्लामिक धर्म की अच्छी जानकारी रखते होंगे उन्हीं को एडमिशन मिल पाएगा।

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