जारी गाइड लाइन में मुख्य रूप से नमाजियों से सोशल डिस्टेसिंग बना कर नमाज पढ़ने और मस्जिद प्रबंधकों से मस्जिद के फर्श को हर नमाज के बाद सेनिटाइजेशन करने की बात कही गई है। दारुल उलूम वक्फ के मोहमिम मौलाना सुफियान कासमी ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद अनलॉक में शासन प्रशासन खासी सहूलियत प्रदान कर रहा है। अब आठ जून से मस्जिदें खुल रही हैं। इसलिए मजहबी फरीजा पूरी करने के लिए सावधानी बरतना आवययक है।
उन्हाेने कहा है कि, नमाज की जमात करते वक्त सोशल डिस्टेंस रखते हुए दो नमाजियों के बीच आवश्यक फासला रखें। साथ ही मस्जिद में फर्ज नमाज ही अदा की जाए। मस्जिद आने वाले नमाजियों को मास्क लगाने और मुलाकात के वक्त गले मिलने एवं मुसाफा करने (हाथ) मिलाने से बचने का आह्वान किया। प्रबंधको से कहा है कि, नमाज और अजान में ज्यादा वक्त ना रखा जाए। इमाम से कहा गया है कि, नमाज में तिलावत और खिताब किया जाए। मस्जिद में आने वाले नमाजियों से उन्हाेंने अपने ही घरों से ही वुजू कर मस्जिद मेंं आने को कहा। उन्होंने मस्जिदों के प्रबंधकों से आह्वान करते हुए कहा कि पांच बार मस्जिद के फर्श और दीवारों का सेनिटाइजेशन कराया जाए।
मौलाना सुफियान कासमी ने मस्जिदों में आने वाले नमाजियों से आह्वान करते हुए कहा कि वह नमाज के लिए आने के दौरन गैर जरुरी उठने बैठने से बचते हुए दुआएं करें।