मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बयान उन्होंने शुक्रवार को बनारस में जुमे की नमाज से पहले खुद बा करते हुए तकरीर में दिया है। मोहतमिम शुक्रवार को बनारस में थे और वहीं पर एक काम कर रहे थे। उन्होंने तकरीर पड़ी तो बोले कि इस्लामी तालीम को अपनाते हुए अपने पड़ोसी और हमवतन ओ यानी के सभी भारतीयों के सामने इस्लाम की जो असली तस्वीर है उसको पेश करें। इस दौरान उन्होंने भारत वर्ष के वर्तमान हालात और राजनीति के हालातों पर चिंता जताई। और उन्होंने कहा कि जिस तरह से याद सताए खामोश है चुप हैं मैं चिंता का विषय है इस बयान के बाद देवबंद दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने भी कहा है कि पिछले करीब ढाई वर्ष में देश में जो हालात हैं उन्हें काफी बदलाव हुआ है और यही वजह है कि मोहतमिम को इस तरह का बयान देना पड़ा है इस तकरीर की उन्होंने भी पुष्टि की है।
बतादें कि देवबंद काे फतवों की नगरी भी कहा जाता है। देवबंद दारुल उलूम से समय-समय पर फतवे जारी होते हैं। यहां से जारी होने वाले फतवों को देश ही नहीं बल्कि विदेश में रहने वाले मुस्लिम भी फॉलो करते हैं। अब जिस तरह से यह बयान आया है उसके बाद देशभर इसका प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।