मुख्य रूप से बच्चों काे फाेन का लगातार प्रयाेग नहीं करना चाहिए। मनाेचिकित्सक के अनुसार बच्चों के हाथ में इंटरनेट
internet वाला स्मार्ट फाेन smart phone बिल्कुल अलादीन के चिराग की तरह है जाे हम कहानियों में सुनते आए हैं। बच्चाें काे इसे बिल्कुल इसी तरह से समझना चाहिए कि जब हम किसी बच्चें काे इंटरनेट कनेक्शन के साथ स्मार्ट फाेन देते हैं ताे वह बिल्कुल के दाेधारी तलवार की तरह हाेता है। उसका गलत प्रयाेग भी हाे सकता है और सही भी।
अब इसकी जिम्मेदारी अभिभावकाें की है। अभिभवाकों काे समझना हाेगा कि बच्चा किस तरह से इसका इस्तेमाल कर रहा है। इसलिए बच्चे काे जब आप फाेन दे रहे हैं ताे यह भी समय-समय पर देखते रहें कि फाेन का इस्तेमाल बच्चा किस रूप में कर रहा है। अच्छे कार्यों के लिए कर रहा है या फिर गलत दिशा या सिर्फ टाईम पास के लिए कर रहा है। यह देखना अभिभावक के लिए जरूरी है।
सामान्य यूजर काे भी यह ध्यान रखना चाहिए कि स्मार्ट फाेन का प्रयाेग केवल अपने कार्यों के लिए करना चाहिए। बेवजह के कार्यों के लिए स्मार्ट फाेन का प्रयोग आपकाे तनाव की ओर ले जा सकता है। डॉक्टर अमरजीत पॉपली के अनुसार साेशल मीडिया का अधिक प्रयाेग कई बार मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। कुछ लाेग साेशल मीडिया में खुद काे इस तरह से शामिल कर लेते हैं कि यदि उनकी पाेस्ट काे काेई लाइक ना करें ताे वह परेशान हाे जाते हैं। कई बार कमेट्स काे लेकर परेशान हाे जाते हैं। कभी-कभी वाे हीन भावना का शिकार हाे जाते हैं। ताे साेशल मीडिया से इस तरह का जाे टच है वह गलत है। यह स्मार्ट फाेन का स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल नहीं है। ऐसा करके हम खुद काे तनाव की ओर ले जाने का काम करते हैं।
स्मार्ट फाेन का इस्तेमाल करते वक्त बरतें ये सावधानियां