कांग्रेस की बंपर जीत के बाद इस भाजपा सांसद के फूफा कमलनाथ बनेंगे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री!
सहारनपुर। पांच राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत हुई है। अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की सरकार फाइनल है, बस मुख्यमंत्री के नाम पर मोहर लगनी बाकी है। अगर राजस्थान में सचिन पायलट के सिर पर ताज सजता है तो सहारनपुर का नाम रोशन होगा क्योंकि उनका जन्म सहारनपुर में हुआ था। वहलीं, मध्य प्रदेश में सबसे बड़े दल बने कांग्रेस को बसपा, सपा और रालोद ने समर्थन मिल गया है। इसके बाद वहां भी कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। मध्य प्रदेश से कमलनाथ का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा है। अब बस उनके नाम पर राहुल गांधी की मोहर लगनी बाकी है। ऐसे में हम आपको एक बात और बताते हैं।
सहारनपुर से है गहरा नाता दरअसल, कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ का रिश्ता भी सहारनपुर से जुड़ा हुआ है। इतना ही नहीं वह भाजपा सांसद के फूफा भी हैं। कमलनाथ सहारनपुर के दामाद हैं। रिश्ते में वह सहारनपुर के भाजपा सांसद राघव लखनपाल के फूफा लगते हैं। कमलनाथ की शादी भाजपा सांसद की बुआ से हुई है। इस रिश्ते के चलते कमलनाथ का सहारनपुर में अना-जाना लगा रहता है। कमलनाथ की शादी भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा के पिता पूर्व विधायक निर्भयपाल शर्मा की बहन अलका से हुई थी।
सहारनपुर आते-जाते रहे हैं कमलनाथ अलका से शादी के बाद कमलनाथ सहारनपुर आते-जाते रहे हैं। अगर सांसद राघव लखनपाल के यहां कोई समारोह होता है, तो कमलनाथ जरूर आते हैं। उनका अपनी सुसराल सहारनपुर से गहरा लगाव है। उनके सीएम बनने की खबरों के बाद सहारनपुर में भी लोग खुश हैं। सांसद राघव लखनपाल भी चुनाव के दौरान प्रचार करने के लिए मध्य प्रदेश गए थे। उन्हें रीवा संभाग की जिम्मेदारी मिली थी। राघव लखनपाल का कहना है कि जहां पर उन्होंने प्रचार किया, वहां अच्छे परिणाम आए हैं।
गांधी परिवार से है गहरा नाता आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार कमल नाथ का जन्म 18 नवम्बर 1946 को कानपुर में हुआ था। उन्होंने दून स्कूल से पढ़ाई की और कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते थे। उन्हें इंदिरा गांधी ने छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए भेजा था। वह 1980 से छिंदवाड़ा सीट से नौ बार जीते हैं। उन्हें इसी साल मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। वह संजय गांधी के करीबी मित्रों में गिन जाते थे। गांधी परिवार से उनका करीबी नाता रहा है। संजय गांधी और कमलनाथ की दोस्ती के किस्से आज भी राजनीतिक गलियारों के हॉट टॉपिक्स में से एक हैं। कहा जाता है कि दोनों की दोस्ती दून स्कूल से शुरू हुई थी। उन्हें बिजनेस टायकून के तौर पर भी जाना जाता है। वह 23 कंपनियों के मालिक हैं, जो उनके दोनों बेटे चलाते हैं।