ये हाेंगे फायदे इस सेवा के शुरु हाेने से दिल्ली-गाजियाबाद आैर मेरठ के बीच लाेगाें काे जाम से निजात से मिलेगी। माना जा रहा है कि इस सेवा के शुरु हाेने के बाद हर राेज एक लाख वाहन सड़काें पर नहीं उतरेंगे। यानि एनसीआर की सड़काें पर करीब एक लाख वाहनाें का भार कम हाे जाएगा। इस याेजना से सड़काें पर लगने वाला जाम ताे कम हाेगा ही, साथ ही इन वाहनाें से हाेने वाला प्रदूषण भी कम हाेगा। यह सेवा मेरठ महानगर के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर के लिए नई लाईफ लाईन साबित हाेगी आैर एनसीआर की सड़काें पर बढ़ता बाेझ कम हाेगा।
मिलेंगी यह सुविधाएं यह मैट्राे सेवा आधुनिक तकनीक पर आधारित हाेगी। इन ट्रेनाें में सीसीटीवी कैमराें से निगरानी की जाएगी आैर यात्रियाें काे माेबाईल फाेन से लेकर लैपटॉप चार्चिंग के प्लग भी दिए जाएंगे। इन ट्रेनाें की बाेगियाें काे दैनिक जरूरताें काे देखते हुए तैयार किया जाएगा। बाेगियाें में अधिक स्पेश के साथ-साथ सामान रखने के लिए भी जगह दी जाएगी। स्टेशनाें पर विकलांगाें के लिए खास सुविधाएं हाेगी। इससे भी अधिक ध्यान इस बात पर दिया जाएगा कि स्टेशन एक दूसरें काे जाेड़ने वालें हाेंगे। यानि स्टेशनाें काे उन स्थानाें पर बनाया जाएगा जहां से बिजनेस हब, एयरपाेर्ट, बस अड्डाे आैर रीजनल एयरपाेर्ट के साथ-साथ अधिक आबादी वालाें क्षेत्र में जाना आसान हाे।
30 हजार 274 करोड़ रुपये की लागत से याेजना हाेगी तैयार इस प्राेजेक्ट की अनुमानित लागत 30 हजार 274 कराेड़ मानी जा रही है। इतनी रकम से इस प्राेजेक्ट काे तैयार किया जाएगा। यहां यह भी बताने याेग्य है कि इस खर्च में निर्माण से लेकर संचालन आैर रख-रखाव के खर्च भी शामिल है।