मुसलमानों को चाहिए की प्रधानमंत्री मोदी को वक्त दें
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर देवबन्दी आलिम मुफ्ती अजफर ने कहा की इस बात से हम सहमत है और यह नारा बहुत अच्छा लगा है। प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा है कि हम सबको साथ लेकर चलेंगे और अल्पसंख्यक के अंदर भी विश्वास पैदा करेंगे। ये बातें बहुत ही अच्छी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि प्रधानमंत्री मोदी अल्पसंख्यकों को साथ लेकर नहीं चलेंगे तो ऐसा कहना बिल्कुल सही नहीं है। क्योंकि मोदी सरकार का पिछला 5 साल आराम से बीता है। पिछले 5 साल भी बीजेपी की सरकार रही। इस दौरान मुसलमानों को टारगेटकर ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया, जिससे मुसलमान भयभीत हो, या मुसलमानों को नुकसान पहुंचा हो। इस मामले में कांग्रेस की सरकारों का इतिहास सबसे खराब है। कांग्रेस के शासनकाल में ही मेरठ, मलियाना, हाशिमपुरा में जिस तरह मुसलमानों का कत्लेआम हुआ औक सड़कों पर मुसलमानों का खून बहा, उसे मुसलमान आज तक नहीं भूले हैं। कांग्रेस के वक्त में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आई थी, उसमें बताया गया था कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी बदतर है, लेकिन कांग्रेस ने उस कमेटी की रिपोर्ट पर अमल नहीं किया, बल्कि उसे दबा दिया। अगर कांग्रेस मुसलमानों की इतनी बड़ी हमदर्द होती तो कांग्रेस कमेटी को लागू करती। इसलिए हम प्रधानमंत्री मोदी के नारे से सहमत हैं और थोड़ा सा और समय देना चाहिए और इसे मुसलमानों को भी देखना चाहिए कि यह मुसलमानों के लिए क्या करती है।
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मोदी सरकार पर भरोसा करें मुसलमान
इस्लामी शिक्षा के दूसरे बड़े इदारे दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान ने पीएम मोदी के अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतने वाले बयान की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि उनका यह बयान सकारात्मक है और इससे अल्पसंख्यकों में विश्वास और उम्मीद का नया चिराग रोशन हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी के इस बयान का सकारात्मक असर हिंदुस्तान के सभी तबकों में महसूस किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सभी का विश्वास जीतने वाला बयान देश में रहने वाली तमाम कौमों और वर्गों के लिए एक नई सुबह का आगाज है। विशेषकर उन्होंने अल्पसंख्यकों को लेकर जो अपने बुलंद इरादे जाहिर किए हैं, उससे देश के अल्पसंख्यकों में विश्वास और उम्मीद का नया चिराग रोशन हुआ है। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास के नारे में सबका विश्वास शामिल किया जाना किसी भी मुल्क की तरक्की और खुशहाली में बुनियादी हैसियत रखता है। मौलाना सुफियान कासमी ने कहा कि पीएम मोदी की यह नई फिक्र मुल्क में तब्दीली और सकारात्मक सोच की ओर इशारा करती है। उनके यह इरादे पूरे हो और देश में अमन, भाईचारा, सुरक्षा और आपसी सद्भाव का माहौल रहे, इसके लिए हम दुआ करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी दुआएं और नेक तमन्नाएं उनके साथ हैं। साथ ही कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मुल्क के भीतर तेजी के साथ बदलाव होगा और सभी देशवासी खुशहाल होंगे।
स्वागतयोग्य है प्रधानमंत्री का इरादा
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैय्यद महमूद मदनी ने दोबारा देश का प्रधानमंत्री बनने पर नरेंद्र मोदी को मुबारकबाद पेश की है। साथ ही मदनी ने पीएम के बयान को स्वागतयोग्य बताते हुए यह उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी अल्पसंख्यकों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को खास तवज्जो देंगे। मौलाना महमूद मदनी ने अपनी प्रतिक्रिया में रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भारत की जो सोच और दस्तूर कर अल्पसंख्यकों को विश्वास में लेने और उनके लिए काम करने का जो इरादा लिया है, हम उसका स्वागत करते हैं। राष्ट्र के निर्माण के लिए जो भी हमारी ताकत होगी वो हम करने को तैयार हैं। मदनी ने कहा कि मुल्क के (प्रधानमंत्री ने जो इरादा जाहिर किया, यह देश के लिए बहुत सराहनीय है। इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि जिस तरह पीएम मोदी ने अल्पसंख्यकों को लेकर अपने इरादे जाहिर किए हैं। अगर उसी तरह भरोसा जीतने की कोशिश की जाएगी तो मुझे यकीन है कि सौ फीसदी कामयाबी जरूर मिलेगी। मदनी ने कहा कि बराबरी करके ही इंसाफ होगा। एक्ट्रा कुछ किसी को नहीं मिलना चाहिए। सबको बराबर का हक मिलेगा तो खुद ही इंसाफ हो जाएगा। मदनी ने कहा कि आपने इरादा किया हम आपके साथ हैं। इसको आगे बढ़ाने के लिए भारत का मुसलमान हर योगदान देने के लिए तैयार हैं।