इसके अलावा मौलाना कारी मुस्तफा ने कहा कि नवाब साहब को अपने खानदान की याद आ रही होगी और अब उन्हें याद करके नवाब साहब जरूर अपने बड़े का नाम रोशन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के एमएलसी बुक्कल नवाब साहब ने जो बयान दिया है कि हनुमानजी मुसलमान है लेकिन उन्होंने जो ये दलील दी है कि रहमान, सुल्तान, जैसे नाम मुसलमानों के ही होते हैं वाकई में नवाब साहब की बात सही है कि ये नाम मुसलमानों के ही होते हैं लेकिन हनुमान जी को जो मुसलमान बता रहे हैं हमें लगता है कि शायद इनके कोई खानदानी होंगे। यह उन्हीं बुजुर्गों की शायद कोई औलाद होगी इसीलिए अपने बुजुर्गों को लोग याद करते हैं और वो अपने बुजुर्गों की याद करके आगे उनके नाम को रोशन करने की कोशिश करते हैं। नवाब साहब हम आप से ये उम्मीद रखते हैं कि आप अपने बुजुर्गों का मुकम्मल ख्याल रखेंगे वो मुसलमान तो नहीं लेकिन हम यह जरूर समझते हैं कि वो शायद आपके खानदानी जरूर होंगे।