देवबन्दी आलीम मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि एसएसपी साहब ने जो जुमे की नमाज को लेकर पाबंदी लगाई है, तो सबसे पहले तो यह बता दूं कि हिंदुस्तान के उसूल के खिलाफ है। क्योंकि इसके अंदर जो है, तमाम ही मजहब के लोग रहते हैं। कानून अगर कोई चीज आदेश बना दिया जाता है। तो तमाम लोगों के लिए होना चाहिए जैसा कि आप ने बताया कि सिर्फ मुसलमानों की नमाज के ऊपर जुम्मे के दिन पाबंदी लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि हम एसएसपी साहब से कह देना चाहते हैं कि सिर्फ मुसलमानों की नमाज की पाबंदी लगाई जाती है और दूसरे लोग सड़कों पर अपनी त्यौहार मनाते हैं। इसी तरीके से कांवड़ यात्रा निकलती है। उसको बेशुमार लोगों को परेशानी होती है, लेकिन मुसलमान अमन पसंद हैं और मुसलमानों ने उनको पानी भी पिलाया फल भी खिलाएं और अमन शांति का संदेश दिया तो एसपी साहब को चाहिए कि जो कानून बनाते हैं तो तमाम मजहब के लोगों के लिए लागू करना चाहिए। हिंदुस्तान के अंदर जो कानून हैं, जो दस्तूर हैं, वह तमाम लोगों के लिए एक साथ हैं। किसी एक मजहब के लिए कानून बनाना या आदेश जारी करना सही नहीं है।