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सहारनपुर

VIDEO: ‘1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाने और बधाई देने वाले मुसलमान होते हैं गुनहगार’

Highlights:
-मुस्लिम युवाओं से अपील करते हुए उलेमा ने कहा कि 1 जनवरी में नया साल ना मनाएं
-जनवरी में नया साल ईसाई लोग मनाते हैं, हमारा नया साल मोहर्रम से शुरू होता ह
-इसलिए गैरों के त्योहार ना मनाए और जो मुसलमान जनवरी में नया साल मनाते हैं वह गुनहगार होते हैं

सहारनपुरDec 31, 2019 / 05:29 pm

Rahul Chauhan

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देवबन्द। नए साल को लेकर जहां युवकों में खुशी की उंमग है तो वहीं देवबंदी उलेमा ने इस दिन जश्न नहीं मनाने की अपील की है। दरअसल, मुस्लिम युवाओं से अपील करते हुए उलेमा ने कहा कि 1 जनवरी में नया साल ना मनाएं। क्योंकि जनवरी में नया साल ईसाई लोग मनाते हैं। हमारा नया साल मोहर्रम से शुरू होता है। इसलिए गैरों के त्योहार ना मनाए और जो मुसलमान जनवरी में नया साल मनाते हैं वह गुनहगार होते हैं।
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मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि जिस तरीके से एक जनवरी को नए साल के रूप में मनाया जाता है, वह मुसलमानों को नहीं मनाना चाहिए। इस्लामी नजरिए के एतबार से जनवरी जो है इस्लामी साल नहीं है। इस्लाम का जो साल होता है वह मोहर्रम से शुरू होता है और इस्लाम के अंदर मोहर्रम को ही नया साल माना जाता है। जनवरी से जो साल शुरू होता है उसको इसाई लोग नया साल मानते हैं। तो ईसाई लोग इसको मनाए हमें कोई आपत्ति नहीं है।
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उन्होंने कहा कि हम मुसलमानों से यह अपील करना चाहते हैं कि एक जनवरी को कोई भी मुसलमान नए साल के रूप में न मनाएं। जो भी इसको नया साल मनाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं वह गुनहगार होते हैं। क्योंकि यह इस्लामी साल नहीं है। यह गैरों का तरीका है कि जो शख्स जिसकी नौबत इख्तियार करता है कल कयामत के दिन उसी के साथ में उठाया जाएगा।

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