किसानों की माने तो ऋण मोचन योजना में बढ़ती शिकायतों को देखते हुए शासन ने शिकायत पोर्टल को भी बंद कर दिया। यानि अब किसान अपनी शिकायत भी पोर्टल पर दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। किसान नेता श्यामवीर त्यागी और विनय चौधरी के मुताबिक सरकार किसानों के साथ मजाक कर रही है। साथ ही किसानों के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की ओर ध्यान देना चाहिए।
जिन किसानों को ऋण माफी योजना के तहत महज 1 रुपये की सहायता ही मिली है उन्हें भी उतने ही वेरिफिकेशन और प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा है, जितना कि एक लाख की सहायता पाने वाले किसान को। ऐसे में अब 1 रुपये की सहायता पाने वाले किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और इन्हें ऐसा लग रहा है कि सरकार ने उनके साथ मजाक कर दिया है।
सहारनपुर जिला कृषि अधिकारी रामजतन मिश्रा का कहना है कि शिकायतों के अंबार के बाद शासन स्तर से ही पोर्टल बंद है। यह कब तक चालू होगा इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।