दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने बुधवार को मदरसों में पढ़ने वाले सभी छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वह नागरिकता कानून के विरोध में किसी भी प्रदर्शन में शामिल न हों और संस्थान के अंदर ही रहें। इसके निदान के लिए हमारे रहबर (नेतृत्व करने वाले) लगातार कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने बच्चों से शांति बनाए रखने और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाने की अपील की। इसके साथ ही देवबंद दारुल उलूम के सभी मेन गेट भी बंद कर दिए गए हैं। साथ ही अंदर आने वाले छात्रों से आईकार्ड मांगा जा रहा है। इसके साथ ही कई मदरसों में दो बार छात्रों की उपस्तिथी दर्ज की जा रही है। ताकि यह पता लग सके कि सभी छात्र मदरसों के भीतर ही मौजूद हैं।
बता दें कि मंगलवार सहारनपुर जिला प्रशासन ने कई मदरसों के मालिकों व संचालकों संग शांति बैठक की। जिसमें अधिकारियों द्वारा सभी से शांति बनाए रखने और छात्रों पर निगरानी रखने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने मदरसों में पढ़ने व रहने वाले छात्रों से भी शांति की अपील करने के निर्देश दिए।
दारुल उलूम वक्फ के छात्रों ने की थी नारेबाजी गौरतलब है कि बुधवार को इस्लामी तालीम के दूसरे बड़े मरकज दारुल उलूम वक्फ देवबंद में प्रबंधतंत्र द्वारा बच्चों को वर्तमान हालात से रूबरू कराने के लिए मोहतमिम का खिताब होना था, जहां कुछ बच्चों ने नारेबाजी शुरू कर दी। संस्था के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने बच्चों को समझाकर शांत किया। वहीं प्रदर्शन की सूचना से हड़़कंप मच गया। जिसके बाद आनन-फानन में एसपी देहात विद्यासागर मिश्र व उपजिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हालांकि तब तक वहां पर सब कुछ शांत हो चुका था।
अधिकारियों ने संस्थान में पांच जनवरी तक अवकाश की अपील की वहीं सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए अधिकारियों द्वारा प्रबंधतंत्र के साथ बैठक कर संस्था में पांच जनवरी तक अवकाश घोषित करने की अपील की गई। जिस पर मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने उनसे कहा कि इस संबंध में दारुल उलूम देवबंद द्वारा कोई निर्णय लिए जाने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।