दरअसल सहारनपुर ( Saharanpur ) का पूर्व में भी आतंकी कनेक्शन ( Terrorist connection ) रहा है। हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली से पकड़े गए दाे संदिग्ध आतंकियों का भी सहारनपुर कनेक्शन सामने आया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन दाेनाें का भी काेई आतंकी कनेक्शन ( Suspected terrorists ) हाे सकता है। एटीएस के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने भी इनसे पूछताछ की है। दाेनाें भारत कैसे पहुंचे यह भी पता लगाया जा रहा है।
प्राथमिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि दाेनाें मूल रूप से बांग्लादेश के जिला चटगांव थाना सठकनिया क्षेत्र के गांव सादह माेनूपारा के रहने वाले हैं और दाेनाें सगे भाई हैं। दाेनाें फर्जी कागजात के आधार पर वर्ष 2015 से सहारनपुर में रह रहे थे। दाेनाें वर्ष 2013 में भी जेल जा चुके हैं। उस समय इन्हे पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था। करीब दाे साल जेल में रहने के बाद इन्हे बांग्लादेश भेज दिया गया था लेकिन वर्ष 2015 में यह फिर से भारत आ गए। दलालों से इन्हे सहारनपुर के फर्जी पते पर वाेटर कार्ड, आधार कार्ड और पासपाेर्ट बनवा लिए।
यह भी पढ़ें: बागपत: मजदूरी के पैसे मांगने गए युवक की बैट से पीट-पीटकर हत्या, सड़क किनारे पड़ा मिला शव अभी तक की पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि यह दाेनाें भाई सहारनपुर में रहकर बांग्लादेश समेत अमेरिका, सऊदी अरब, ब्रिटेन, इटली, आस्ट्रिया और म्यामार के लाेगाें के संपर्क में थे। दाेनाें के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया है। इनके कब्जे से एटीएस ने आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपाेर्ट, चेक बुक, डेबिट कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, एम्पलाइ कार्ड, बैंक पासबुक, पैनकार्ड समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
कमेले में कर रहे थे नाैकरी एटीएस काे दाेनाें संदिग्धों के सहारनपुर में हाेने की खबर मिली थी। स्थानीय इंटेलीजेंस एक बार फिर इस मामले में फेल रही है। एटीएस ने सहारनपुर से जब दाेनाें को हिरासत में लिया ताे स्थानीय पुलिस काे खबर हुई। प्राथमिक पूछताछ में दाेनाें ने अपने नाम फारुक और इकबाल बताए हैं। यह भी पता चला है कि दोनों यहां एक कमेले में नाैकरी कर रहे थे। इनके पास से कमेले के कर्मचारी के पहचान पत्र ( Employee card ) भी मिले हैं।