कैराना विधायक नाहिद हसन के पास अब अंतिम मौका बचा है। न्यायालय से धारा 82 की कार्रवाई के बाद पुलिस उनके खिलाफ धारा 83 की कार्रवाई के लिए अपील करेगी। अगर धारा 83 की कार्यवाही से पहले नाहिद न्यायालय के समक्ष पेश हो जाते हैं तो उनकी मुश्किलें कम हो सकती हैं वरना तो पुलिस न्यायालय से आदेश मिलने के बाद नाहिद हसन के घर की कुर्की भी कर सकती है।
जानिए क्या होती है धारा 82
धारा 82 एक तरह का नोटिस होता है। न्यायालय से 82 का नोटिस मिल जाने के बाद पुलिस नाहिद हसन के आवास पर कुर्की का नोटिस चस्पा करेगी। सामान्य मामलों में 82 का नोटिस जारी होने के एक महीने तक का समय मिलता है और इस अवधि में न्यायालय के समक्ष आरोपी किसी भी दिन पेश हो सकता है। धारा 82 की कार्यवाही एक तरह का नोटिस होता है कि आरोपी या तो सरेंडर कर दें वरना उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। धारा 82 के नोटिस की समय अवधि पूरी हो जाने के बाद पुलिस न्यायालय में धारा 83 यानी कुर्की के लिए अपील करती है। न्यायालय से 83 के आदेश मिल जाते हैं तो फिर कुर्की की कार्रवाई की जाती है।
मामला गर्माने के बाद भारतीय किसान यूनियन के मुखिया नरेश टिकैत ने इस मामले में 5 दिन का समय नाहिद हसन को दिला दिया था लेकिन 5 दिन पूरे होने के बाद भी जब नाहिद हसन ने इस मामले में कुछ नहीं किया तो पुलिस ने उनके खिलाफ अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया। अब कैराना विधायक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं उनके खिलाफ धारा 82 की कार्रवाई हो चुकी है शामली एसपी का कहना है कि नाहिद हसन की गिरफ्तारी के लिए 11 टीमें बनाई गई हैं।