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वायरस हुआ अपग्रेड: सर्दी-खांसी के साथ अब डायरिया और बुखार भी जकड़ रहा

ठीक होने में लग रहा समय, अस्पतालों में मरीजों की लाइनें, जांच-दवाओं की खपत बढ़ी सागर. चिलचिलाती धूप, बारिश, उमस व नमी के कारण वायरस का प्रकोप बढ़ गया है। पानी व मच्छर जनित रोगों के अलावा वायरल फीवर के मरीज एकसाथ सामने आने से अस्पतालों में भीड़उमड़ रही है। हालात ये हैं कि सरकारी […]

सागरAug 29, 2024 / 05:58 pm

नितिन सदाफल

बीएमसी में रोज 1800 से 1900 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

बीएमसी में रोज 1800 से 1900 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

ठीक होने में लग रहा समय, अस्पतालों में मरीजों की लाइनें, जांच-दवाओं की खपत बढ़ी

सागर. चिलचिलाती धूप, बारिश, उमस व नमी के कारण वायरस का प्रकोप बढ़ गया है। पानी व मच्छर जनित रोगों के अलावा वायरल फीवर के मरीज एकसाथ सामने आने से अस्पतालों में भीड़उमड़ रही है। हालात ये हैं कि सरकारी अस्पतालों के बेड फुल चल रहे हैं। इसका असर बच्चों में भी दिख रहा है, जहां बच्चों की ओपीडी दोगुना हो गई है। लेकिन चिंता का विषय यह है कि वायरल फीवर में सिर्फ सर्दी-जुकाम ही नहीं हो रहा, अब मरीज को उल्टी-दस्त भी साथ में हो रहे हैं और बुखार भी 102 फारेनहाइट तक पहुंच रहा है। अपग्रेटेड वायरस से मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है। अधिकांश मरीजों में कोरोना वायरस जैसे लक्षण दिख रहे हैं लेकिन लापरवाही के कारण कोरोना जांच नहीं की जा रही है।
बढ़ गई ओपीडी, निजी क्लीनिक पर भी भीड़

बीएमसी में रोज 1800 से 1900 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जबकि जिला अस्पताल में भी ओपीडी 450 से 500 के बीच बनी हुई है। निजी क्लीनिक पर डॉक्टर्स देर रात तक मरीजों को देख रहे हैं। इनमें से 60 प्रतिशत मरीज वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम और बुखार के सामने आ रहे हैं। बीएमसी के बच्चा वार्ड में 100 से अधिक बच्चों की ओपीडी हो रही है और जनरल वार्ड के अलावा आइसीयू के 10 वार्ड भी फुल हैं। जिला अस्पताल में भी 70 प्रतिशत मरीज मौसमी बीमारियों से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैं।
हर दिन हो रही 5000 जांचें

बीएमसी की निजी व सरकारी लैब में हर दिन मरीजों की 5000 जांचें हो रहीं हैं। शहर की 40 से अधिक पैथालाजी में भी डेंगू, मलेरिया की जांचों के ढेर लग रहे हैं। जिला अस्पताल की लैब भी हर दिन एक हजार जांचे कर रही है। डेंगू, मलेरिया के साथ अन्य बीमारियां भी निकल रहीं हैं।
ये फैला रहे बीमारियां

1. इन्फ्लूएंजा वायरस- ज्यादा संक्रामक है और वायरल फीवर का कारण बन रहा है।

2. राइनो वायरस- सामान्य सर्दी का कारण बन रहा है। भीड़भाड़ वाली जगह में एक दूसरे के सीधे संपर्क से फैल रहा है।
3. डेंगू वायरस- शहर में ज्यादा केस सामने आए हैं, हालांकि ग्रामीण अंचलों के कुछ बच्चों को भी डेंगू के कारण भर्ती किया गया है।

4. चिकनगुनिया वायरस- धीरे-धीरे यह वायरस भी पैर पसार रहा है। बारिश थमने के बाद इसका प्रकोप शुरू हो गया है।
कोरोना जांच में बरत रहे लापरवाही

बीएमसी में मरीजों को कोरोना के लक्षण होने के बाद भी न तो मरीज स्वयं कोरोना जांच के लिए पहुंच रहे हैं और ना ही डॉक्टर्स जांच की सलाह दे रहे हैं। खुरई के बरौदियानौनागिर से आए 12 सैंपल में से 2 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आईं थीं। स्पष्ट है कि क्षेत्र में कोरोना है, लेकिन जांच में लापरवाही की जा रही है।
डेंगू से एक मौत की सूचना, एक जिला अस्पताल में भर्ती

सोमवार को बिलहरा गांव में एक 10 वर्षीय बालिका की संदिग्ध मौत हुई है, कहा जा रहा है कि उसे डेंगू के लक्षण थे। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बिलहरा में जानकारी ले रहे हैं। जबकि शनिवार को ही जिला अस्पताल में भर्ती एक बच्चे में डेंगू की पुष्टि हुई है, जो अभी इलाज रत है। इस सीजन 40 से अधिक मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
-वायरल फीवर का सीजन चल रहा है, लोग भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। साफ पानी पिएं, मच्छरों से बचें। खान-पान पर भी विशेष ध्यान दें।

डॉ. राजेश जैन, अधीक्षक बीएमसी।

-60-70 प्रतिशत केस वायरल फीवर व मौसमी बीमारियों के आ रहे हैं। लेकिन इस बार चिंता इस बात की है कि इस सीजन वायरल फीवर में पहले से तेज बुखार सर्दी-खांसी के साथ डायरिया भी हो रहा है।
डॉ. बृजेश यादव, शिशु रोग विशेषज्ञ।

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