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सागर

संयुक्त परिवार नहीं चाहती थी महिला, विवाद कर 3 साल पहले पति को छोड़ा अब एक साथ रहने राजी

शनिवार को जिला मुख्यालय सहित जिले की 53 खंडपीठों में 4867 प्रकरण निराकृत किए, जिसमें 24 करोड़ 57 लाख 59 हजार 529 रुपए का अवार्ड पारित किया गया।

सागरDec 15, 2024 / 11:55 am

Madan Tiwari

नेशनल लोक अदालत में 24.57 करोड़ रुपए के अवार्ड पारित – नेशनल लोक अदालत में सुलझे पारिवारिक सहित अन्य विवाद

सागर. नेशनल लोक अदालत में शनिवार को 4867 प्रकरण निराकृत किए गए। इसमें एक ऐसा मामले में भी समझौता हुआ, जिसमें पत्नी संयुक्त परिवार में रहना नहीं चाहती थी। आए दिन पति से विवाद करती थी और 3 साल पहले वह पति को छोड़कर चली गई। पति ने तलाक का केस लगाया, लेकिन न्यायालय ने दोनों के बीच आपसी सुलह कराई और अब वे साथ में रहने तैयार हो गए। वहीं न्यायालय में लंबित मृतक के परिवारजन की ओर से लगाए मामले में 13 लाख रुपए दिलवाकर मामले में राजीनामा कराया।
शनिवार को जिला मुख्यालय सहित जिले की 53 खंडपीठों में 4867 प्रकरण निराकृत किए, जिसमें 24 करोड़ 57 लाख 59 हजार 529 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। जिला मुख्यालय पर प्रधान जिला न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा ने नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश व को-आर्डिनेटर नेशनल लोक अदालत प्रदीप सोनी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दिनेश सिंह राणा, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ जितेन्द्र सिंह राजपूत सहित राज्य अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी व पुलिस व प्रशासनिक विभागों के अधिकारी मौजूद थे। प्रधान जिला न्यायाधीश शर्मा ने शुभारंभ के अवसर पर आमजन को संदेश दिया कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से मामला निराकृत कराने से समय व धन की बचत होती है।

– इन प्रकरणों का हुआ निराकरण

नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 1482 प्रकरण, प्री-लिटिगेशन के 3385 प्रकरण का निराकरण राजीनामा के आधार पर किया गया। मोटर दुर्घटना के 92 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राशि 1 करोड़ 90 लाख 50 हजार रुपए के अवार्ड पारित किए गए। चैक बाउंस के 267 प्रकरण के निराकरण में कुल 6 करोड़ 72 लाख 24 हजार 789 रुपए का समझौता अवार्ड किया गया। आपराधिक प्रकृति के शमन योग्य 628 प्रकरण, बिजली कंपनी के 161 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 88 प्रकरण और दीवानी व अन्य प्रकृति के 44 प्रकरणों का निराकरण किया गया। प्री-लिटिगेशन प्रकरण में विभिन्न बैंकों के 236, बिजली कंपनी के 544, नगर निगम के 1378, ई-चालान के 1070 और अन्य प्रकृति के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण कर 10 करोड़ 85 लाख 28 हजार 535 का राजस्व प्राप्त हुआ।

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