पीडि़त परिवार में रईसजादे सराफा कारोबारी अमन बिड़ला की मददगार बनी पुलिस के खिलाफ जमकर गुस्सा है। उनका कहना था कि मदद करने वाले पुलिस अधिकारियों को शर्म करनी चाहिए कि वे चार-चार मौतों के जिम्मेदार आरोपी को केवल इसलिए बचा रहे हैं क्योंकि वह रईसजादा है, पुलिस ऐसा करके हम गरीबों के साथ बूढ़े मां-बाप, विधवा महिला और अनाथ बच्चों के साथ अन्याय कर रही है।
मां-पिता के इलाज तक की व्यवस्था नहीं मोकलपुर निवासी मृतक के बढ़े भाई खूबसिंह ने बताया कि मां दो साल से पलंग पर हैं, पिताजी हार्ट के मरीज हैं। हर माह दोनों की छह से सात हजार की दवाइयों का खर्चा छोटा भाई झूलन ही उठाता था, लेकिन अब हमारी इतनी हैसियत नहीं है कि मां-पिता की दवाइयों का भी ठीक से ध्यान रख पाएं, उन्हें हर माह समय से खरीद पाएं।
मौत के एक दिन पहले था जन्मदिन मृतक झूलन का हादसे के एक दिन पहले यानी 18 जून को जन्मदिन था। उसके बड़े गोविंद विश्वकर्मा ने बताया कि हम तो आर्थिक तंगी के कारण कभी किसी का जन्मोत्सव नहीं मना पाए, लेकिन झूलन ने इस साल पहली बार अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाया। वह बहुत खुश था, घर पर भी केक लेकर आया और पूरे परिवार के साथ खुशियां मनाई, लेकिन हमें क्या पता था कि यह उसका आखिरी जन्मदिन होगा। 19 जून को वह गांव से काम पर निकला और शाम को खबर मिली कि सड़क हादसे में उसकी जान चली गई।
दोनों परिवार की एक ही मांग, सख्त कार्रवाई हो शहर के मशहूर सराफा व्यापारी, बिड़ला ज्वेलर्स परिवार के रईसजादे बेटे अमन बिड़ला ने 19 जून को सागर-खुरई मार्ग पर जरुआखेड़ा के पास दो मोटर साइकिल में टक्कर मारी थी, जिसमें एक परिवार के तीन सहित कुल चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक युवक का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस लगातार आरोपी के बचाव के प्रयास कर रही है, लेकिन दोनों ही पीडि़त परिवार की एक ही मांग है कि आरोपी रईसजादे अमन बिड़ला के मकान पर बुलडोजर चले और उसे सख्त से सख्त सजा हो।