सुनील अहिरवार सब इंजीनियर प्रतिनियुक्ति पर निगम आए हैं, लेकिन वे डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के तहत धर्मकांटा पर बैठकर सिर्फ कचरा वाहनों की तुलाई करवाने का काम ही कर रहे हैं। निगम प्रशासन इन्हें इस कार्य के लिए करीब ४५ हजार रुपए का वेतन दे रहा है। शहर में स्वच्छता अभियान चल रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के नाम पर खाली है। आनंद मंगल गुरु और सईदउद्दीन कुरैशी मुख्य स्वच्छता निरीक्षक हैं लेकिन इनसे क्रमश: बाजार और फायर शाखा का कार्य करवाया जा रहा है। सहायक ग्रेड-१ कृष्णा सेन से योजना शाखा में वह कार्य लिया जा रहा है जो तृतीय श्रेणी कर्मचारी भी कर सकता है। निगम सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर सहायक ग्रेड-३ कर्मचारी मुन्ना लाल रैकवार को बैठाया गया है। इसके साथ एलडीसी को अतिक्रमण, सफाई दरोगा को राजस्व, स्टेनोग्राफर से जनसंपर्क का कार्य करवाया जा रहा है।
अधिकारी का नाम- वास्तविक पद/प्रभार
केवीएस बघेल- सहायक राजस्व अधिकारी/स्थापना
डॉ. प्रणय कमल खरे- डॉक्टर/प्रभारी उपायुक्त
सुनील अहिरवार- सब इंजीनियर/धर्मकांटा पर ड्यूटी
आनंद मंगल गुरु- मुख्य स्वच्छता निरीक्षक/प्रभारी बाजार विभाग
सईदउद्दीन कुरैशी- मुख्य स्वच्छता निरीक्षक/प्रभारी फायर शाखा
कृष्णा सेन- सहायक ग्रेड-१/योजना शाखा
दामोदर ठाकुर- यूडीसी/कार्यालय अधीक्षक
रजनीश पांडे- स्टेनोग्राफर/प्रभारी जनसंपर्क विभाग
माधव कटारे- आरआई/कोई काम नहीं
मुन्ना रैकवार- सहायक ग्रेड-३/निगम सचिव
अरविंद्र सोनी- कुशल श्रमिक/प्रभारी सेंट्रल स्टोर
शिवनारायण रैकवार- एलडीसी/प्रभारी अतिक्रमण
प्रभुनारायण रैकवार- सफाई दरोगा/राजस्व विभाग
योगेश नामदेव- समयपाल/लिपिक
सवाल: निगम में किसी भी अधिकारी को कोई भी कार्य सौंप दिया गया है, एेसा क्यों?
जवाब: मेरे ज्वाइन करने के पूर्व से ही ये व्यवस्था थी, वही चली आ रही है।
सवाल: क्या मूल विभागों के कार्य प्रभावित नहीं हो रहे?
जवाब: जिन अधिकारियों को दूसरे विभागों का कार्य दिया है, वह उनकी कार्य क्षमता को देखकर दिया गया है।
सवाल: ….तो क्या यह अव्यवस्था बनी रहेगी?
जवाब: हमारे पास स्टाफ कम है, फिर भी जरूरत पड़ी तो निश्चित रूप से बदलाव करेंगे।