सागर. औद्योगिक गतिविधियों में पिछड़े होने के बावजूद बुंदेलखंड में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम) का लगभग 6 हजार करोड़ का कारोबार है। इसके साथ ही बुंदेलखंड अंचल से वर्तमान में करीब 100 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है। 27 सितंबर को आयोजित होने वाली रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में बुंदेलखंड में नए उद्योगों के साथ यहां के क्षेत्रीय उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। यह प्लानिंग (एमपीआइडीसी) मप्र इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कारपोरेशन ने तैयार की है। जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में एमपीआइडीसी की ओर से आयोजित पत्रकारवार्ता में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि 27 सितंबर को पीटीसी ग्राउंड में आयोजित होने वाली कॉन्क्लेव के लिए अब तक 1000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं और अगले कुछ ही दिनों में रजिस्ट्रेशन की संख्या 3000 से अधिक होने की संभावना है। कॉन्क्लेव के माध्यम से सागर संभाग में पेट्रोकेमिकल, प्लास्टिक प्रोडक्ट्स, एग्रीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग, डेयरी प्रोडक्ट्स, एमएसएमई, ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) जैसे विभिन्न उद्योगों के लिए निवेश मिलेगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है
एमपीआइडीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर विशाल सिंह चौहान ने प्रजेंटेशन के माध्यम से कॉनक्लेव की तैयारियों और कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष-2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है ताकि औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके। 27 सितंबर को कॉन्क्लेव अलग-अलग सत्रों में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक आयोजित होगा।
जिला निवेश प्रोत्साहन केंद्र बनाया जाएगा
ईडी चौहान ने बताया कि 27 सितंबर को मुख्यमंत्री डॉ. यादव सागर से ही उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जिला निवेश प्रोत्साहन केंद्र का शुभारंभ करेंगे। यह केंद्र उद्योगों से जुड़ी समस्याओं को चिन्हित करने, उनके निराकरण के लिए त्वरित गति से काम करेगा। इसके साथ ही यह क्षेत्र के छोटे-छोटे स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देने का काम करेगा।
एक जिला एक उत्पाद में संभाग की यह प्लानिंग
सागर- टमाटर, मूंगफली दमोह- चना पन्ना- आंवला छतरपुर- फर्नीचर