घाट पर रही पुलिस व प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था
सागर•Sep 09, 2022 / 08:50 pm•
sachendra tiwari
Immersion of Shri Ganesh idols done with cheers, moving ceremony
बीना. दस दिन तक चले गणोशोत्सव का समापन शुक्रवार को हुआ और चल समारोहों के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। मोतीचूर नदी पर सुरक्षा के बीच प्रतिमाएं कुंड में विसर्जित की गईं। कोरोना काल के चलते पिछले दो वर्षों से चल समारोहों पर रोक लगी हुई थी। सुबह से पंडालों में हवन, पूजन हुआ और फिर धूमधाम से चल समारोह निकलना शुरू हुए। ट्रैक्टर-ट्रॉली, कार, ऑटो, हाथ ठेले सहित अन्य वाहनों में श्रद्धालुओं ने गणपति जी की प्रतिमाएं विराजित कर झांकियां सजाई थीं और जयकारों के साथ मुख्य मार्गों से नाचते हुए मोतीचूर नदी पहुंचे। नदी पर बड़ी प्रतिमाएं क्रेन के माध्यम से विसर्जित की गईं, तो छोटी प्रतिमाएं वहां मौजूद कर्मचारियों ने विसर्जित की। सुरक्षा की दृष्टि से घाट से पहले ही बैरिकेड्स लगाए दिए थे, जहां टेबल लगाई गई थीं और उसके आगे किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं थी। वहां से कर्मचारी प्रतिमाएं लेकर नदी तक गए और विसर्जन किया। प्रतिमाएं विसर्जन का सिलसिला सुबह से लेकर देर रात तक चलता रहा। शहर के मुख्य मार्गों और घाट पर पुलिस बल तैनात रहा, जिससे शांतिपूर्ण तरीके से विसर्जन संपन्न हुआ। नपा कर्मचारियों की ड्यूटी घाट पर लगाई गई थी, जिसमें तैराक भी शामिल थे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिमाओं का विसर्जन धूमधाम से किया गया।
मोतीचूर नदी समिति ने किया सहयोग
मोतीचूर नदी समिति के सदस्यों द्वारा भी विसर्जन कराने में सहयोग किया गया। साथ ही नदी की साज-सज्जा भी कराई गई थी। नदी में फब्बारे लगाए गए थे, रंगीन लाइटिंग लगाई थी और अन्य सजावट की गई थी, जो आकर्षण का केन्द्र रही।
घरों में भी प्रतिमाएं विसर्जित
बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में भी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। घर में विराजित किए गए मिट्टी के गणेश को घर में ही विधि विधान से विसर्जित किया गया।
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