जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर करीब एक बजे गांव की महिलाएं बच्चों के साथ महालक्ष्मी के पर्व पर नहाने के लिए गए थे। महिलाओं के वापस आने के बाद भी दीक्षा पिता राजन आदिवासी (12), रश्मि पिता राजन आदिवासी (14) व मौसम पिता नरवर आदिवासी (14) वहां अन्य बच्चों के साथ नहाते समय गहरे पानी में चली गईं। जिनके चिल्लाने पर गांव के एक व्यक्ति ने पानी में कूदकर उन्हें बाहर निकाला, लेकिन तब तक दीक्षा की सांसे थम चुकी थीं। वहीं, रश्मि व मौसम की हालत गंभीर होने पर उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर इलाज जारी है। घटना की जानकारी लगते ही भानगढ़ थाना से पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी और पंचनामा कार्रवाई की। इसके बाद दीक्षा के शव का पीएम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। मृतका गांव के सरकारी स्कूल में छठवीं कक्षा में पढ़ती थी।
त्योहार पर गांव में छाया मातम त्योहार के दिन सभी घरों में पूजन चल रहा था, उसी समय यह घटना घटित हो गई, जिसकी जानकारी लगते ही गांव में मातम छा गया। बच्ची की मौत के बाद परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
हर साल आते हैं ऐसे मामले सामने बारिश के बाद गड्ढों व बरसाती नालों में डूबने से बच्चों की मौत के मामले हर वर्ष सामने आते हैं, लेकिन फिर भी परिजन उनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखते हैं और अकेले ही ऐसी जगहों पर जाने देते हैं।