scriptपर्यावरण संरक्षण के लिए पुरानी रखी चीजों से गार्डन के बनाए डेकोरेशन आइटम, कार्टून में बताया ‘सोशल मीडिया का प्रभाव’ | Patrika News
सागर

पर्यावरण संरक्षण के लिए पुरानी रखी चीजों से गार्डन के बनाए डेकोरेशन आइटम, कार्टून में बताया ‘सोशल मीडिया का प्रभाव’

मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव के तीसरे दिन स्पॉट फोटोग्राफी, नाटक, कार्टूनिंग और गायन प्रतियोगिताएं हुई सागर. डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव के तीसरे दिन विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। आचार्य शंकर भवन में पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित इंस्टालेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें वेस्ट मटेरियल से प्रतिभागियों को […]

सागरNov 29, 2024 / 07:40 pm

नितिन सदाफल

युवा उत्सव में वेस्ट मटेरियल से प्रोडक्ट बनाते हुए प्रतिभागी

युवा उत्सव में वेस्ट मटेरियल से प्रोडक्ट बनाते हुए प्रतिभागी

मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव के तीसरे दिन स्पॉट फोटोग्राफी, नाटक, कार्टूनिंग और गायन प्रतियोगिताएं हुई

सागर. डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव के तीसरे दिन विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। आचार्य शंकर भवन में पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित इंस्टालेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें वेस्ट मटेरियल से प्रतिभागियों को को कुछ ऐसे प्रोडक्ट बनाने थे जो पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहे थे। प्रतिभागियों ने पुरानी चीजों से गार्डन को सजाने के लिए डेकोरेशन आइटम बनाए। इसके साथ ही सोशल मीडिया के प्रभाव पर कार्टूनिंग प्रतियोगिता में देशभर के 23 विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्टून के माध्यम से प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को उजागर करते हुए अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। यह प्रतियोगिता युवाओं की सृजनात्मकता और सोचने की क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

देशभक्ति और महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित समूह गान की हुई प्रस्तुति

विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में समूह गान (भारतीय) एवं समूह गान (पाश्चात्य) की प्रस्तुतियां संपन्न हुईं। कार्यक्रम के दौरान बुंदेली के प्रख्यात लोक गायक शिव रतन यादव, हरगोविंद सिंह, देवी सिंह राजपूत उपस्थित थे। विभिन्न विश्वविद्यालयों ने देशभक्ति गीतों से ओत-प्रोत प्रस्तुति दी। अधिकांश ने महिला सशक्तिकरण का संदेश देने वाले गीतों की प्रस्तुति दी। बुंदेली और भोजपुरी में लोकगीत भी प्रस्तुत किए गए, जिसने श्रोताओं का मन मोह लिया। कजरी के तंज भरे बोल श्रोताओं को लुभाते नजर आए व होली के गीतों ने भी ऊर्जा का संचार किया।

धर्म और अधर्म के द्वंद्व को उकेरा

स्वर्ण जयंती सभागार में तीसरे दिन सात नाट्य प्रस्तुतियां हुई। रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने गरीबी का जीवन जी रहे एक अपाहिज लड़के को परिवार और समाज द्वारा बोझ के रूप में देखे जाने की मार्मिक कहानी को दर्शाया। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा ने समाज में गालियों के बढ़ते चलन और उनके दुष्प्रभाव को हास्यपूर्ण ढंग से उजागर किया। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल ने महाभारत की पृष्ठभूमि पर आधारित प्रस्तुति में युद्ध के दौरान पांडवों और कौरवों की सेनाओं में लड़ते हुए एक ही परिवार के दो बेटों की मृत्यु को दिखाया। इसके माध्यम से धर्म और अधर्म के द्वंद्व को उकेरा गया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी ने भारत विभाजन की त्रासदी को सआदत हसन मंटो की कहानियों के माध्यम से मंच पर जीवंत किया।

Hindi News / Sagar / पर्यावरण संरक्षण के लिए पुरानी रखी चीजों से गार्डन के बनाए डेकोरेशन आइटम, कार्टून में बताया ‘सोशल मीडिया का प्रभाव’

ट्रेंडिंग वीडियो