किसानों ने कहा हो रहा मिट्टी का कटाव, खेतों में भर रहा बांध का पानी
निवारी बांध में दरार की सूचना मिलने पर पहुंचे कलक्टर-एसपी
Farmers said that soil erosion is happening, dam water is filling in the fields
sagar केसली. क्षेत्र के निवारी बांध में दरार आने की सूचना पर गुरुवार को कलक्टर दीपक आर्य, एसपी अभिषेक तिवारी और सभी विभागीय अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। कलक्टर दीपक आर्य ने इंजीनियरों के साथ पूरे जलाशय क्षेत्र को देखा। जहां इंजीनियरों ने क्षेत्र के लोगों से कहा कि सभी लोग निङ्क्षश्चत रहें। सुरक्षा की ²ष्टि से लगातार जलाशय की मॉनिटङ्क्षरग की जाएगी।
केसली के ग्राम झिरिया के समीप जल संसाधन विभाग द्वारा झिरिया सूक्ष्म ङ्क्षसचाई परियोजना अंतर्गत लगभग 3353 लाख रुपए की लागत से जलाशय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिससे क्षेत्र की 1154 हेक्टेयर कृषि भूमि की ङ्क्षसचाई का अनुमान है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि विभाग द्वारा विगत 5 वर्ष से अधिक समय के बाद भी कार्य अधूरा है। जुलाई तक कार्य पूरा होना था लेकिन ठेका कंपनी को लगातार एक्सटेंशन दिया जा रहा है। इस वर्ष ग्रीष्मकाल के दौरान ही बांध की पार की पिङ्क्षचग का कार्य पूर्ण कर लिया जाना था परंतु यह कार्य अब भी अधूरा है। 30 मीटर में पिङ्क्षचग कार्य शेष है। इस दौरान मानसून के आने पर कंपनी ने नाला क्लोजर की कार्रवाई कर दी गई। जिसके बाद बांध से रिसाव और खेतों में पानी भरने से ग्रामीणों में आक्रोश है।
खेतों में पानी भरने से फसलें हो रहीं खराब
ग्रामीणों की माने तो बांध में एकत्र पानी को नियंत्रित करने के लिए कंपनी ने स्लूज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जो खेतों तक पहुंच गया। कई स्थानों पर कच्ची नहरें टूटने से खेत तालाब बन चुके हैं। किसानों ने क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव और एसडीओ को ज्ञापन सौंपकर मामले में ठेका कंपनी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि निर्माणाधीन निवारी बांध में निवारीकलां, निवारीखुर्द, मुहली, केंकरा, कुसमी एवं अमोदा सहित अन्य ग्रामों की भूमि अर्जन की गई थी।
किसानों ने कहा मिट्टी का हो रहा कटाव
बांध में आने वाले दो नालों का पानी एकत्र होने से जल भराव हो चुका है, जिससे बांध की मिट्टी का कटाव हो रहा है और बांध क्षतिग्रस्त होने की संभावना है। ग्रामीणों का आरोप है कि बांध की पटल भराई में भी ठेका कंपनी द्वारा लापरवाही कर पटल में मुरम व पत्थर भरे गए हैं। जिससे बांध की दीवार कमजोर है। ज्ञापन में बताया गया कि बांध से उत्पन्न स्थिति के कारण निवारी खुर्द, निवारी कलां, चौकी, डुहली आदि में क्षति की संभावना है।
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