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जर्जर भवनों में बच्चों को खतरा, इसलिए निजी या आंगनबाड़ी भवनों में लग रहीं कक्षाएं

आधा दर्जन स्कूल भवन हैं गिरने की कगार पर, कई भवन नहीं मरम्मत लायक, नए भवन की है जरूरत

सागरSep 07, 2024 / 12:42 pm

sachendra tiwari

Dilapidated buildings pose a threat to children

आंगनबाड़ी केन्द्र भवन में लगी कक्षा

बीना. ब्लाक में आधा दर्जन शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल ऐसे हैं, जो बारिश में गिरने की कगार पर आ गए हैं और अब कक्षाएं लगाने के लिए शिक्षा विभाग को जगह तलाशनी पड़ रही हैं। कहीं निजी भवन, तो कहीं आंगनबाड़ी केन्द्र या अन्य जगहों पर कक्षाएं लगाने शिक्षक मजबूर हैं। इसके बाद भी विभाग न तो भवनों की मरम्मत करा रहा है और न ही नए भवन के लिए कोई प्रक्रिया शुरू हुई है।
जानकारी के अनुसार बेरखेड़ी माफी, हांसुआ, दौलतपुर स्कूल निजी भवन में संचालित हो रहे हैं। वहीं रुसल्ला, हड़कल जैन स्कूल आंगनबाड़ी केन्द्र भवन में और रामनगर स्कूल की कक्षाएं सोसायटी के भवन में लग रही हैं। रुसल्ला सोसायटी में निजी भवन न मिलने पर पुराने भवन के एक कमरा में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। स्कूल भवन जर्जर होने के कारण विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था गड़बड़ा गई है, जिससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। साथ ही निजी भवनों में खेल मैदान भी नहीं हैं। इन जगहों पर सरकारी स्कूल भवन की स्थिति यह है कि कभी भी छत और दीवारें गिर सकती हैं। बेरखेड़ी माफी में वर्षों पुराने भवन की दीवार का हिस्सा गिरने के बाद वहां कक्षाएं नहीं लगाई जा रही हैं। यहां कुछ वर्ष पूर्व बनाया गया एक भवन भी है, लेकिन उसकी क्षत पूरी तरह से खराब हो गई है। हड़कल जैन स्कूल भवन की छत भी खराब हो गई है, जिससे भवन खाली करना पड़ा। इन स्कूलों के अलावा अन्य भवन भी जर्जर हैं, लेकिन उनकी भी मरम्मत नहीं की जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी मरम्मत और नए भवनों का प्रस्ताव बनाने की बात हर बार करते हैं, लेकिन एक, दो भवनों की मरम्मत के लिए ही बजट आता है।
भेजा गया है प्रस्ताव
भवनों की मरम्मत कराने और नए निर्माण को लेकर कुछ दिन पहले जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
महेन्द्र जाट, बीआरसीसी, बीना

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