बाघों के साथ अन्य वन्यजीवों की होगी निगरानी
1197 वर्ग किमी और सागर, दमोह व नरसिंहपुर तीन जिलों में फैला नौरादेही वन्य अभयारण्य में बांधवगढ़ और कान्हा केसली टाईगर रिजर्व क्षेत्र से लाए गए 2 टाईगरों की निगरानी के साथ अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा ड्रोन कैमरों से की जाएगी। 6 वन परिक्षेत्रों से घिरे नौरादेही वन्य अभयारण्य में टाईगर के अलावा भालू, हिरण, सांभर, खरगोश, नीलगाय, सियार, लकड़बग्घा, तेंदुआ सहित अनेक वन्य प्राणी मौजूद है। जिनकी रखवाली के लिए अब ड्रोन कैमरों का सहारा लिया जाएगा। अभयारण्य क्षेत्र को आधुनिक तरीके से विस्तार देने और उसमें वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा सबसे पहले निगरानी तंत्र को विकसित व मजबूत किया जा रहा है। जिससे वन्य प्राणियों के शिकार की घटना के साथ-साथ पेड़ों की अवैध कटाई रोकी जा सकेगी।
फिलहाल दो ड्रोन की होगी खरीदी
विभाग के अनुसार 4 ड्रोन कैमरा खरीदने की मंजूरी मांगी थी। जिसमें से फिलहाल में 2 कैमरा खरीदने राशि आ चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक 1 ड्रोन कैमरा की कीमत ढाई से 3 लाख रूपए तक होती है। अब यह निर्णय विभाग को लेना है कि वह कितना समय और दूरी तक चलने वाले ड्रोन कैमरा की खरीदी करता है। वैसे बताया गया है कि एक अच्छी क्वालिटी का ड्रोन कैमरा 4 से 5 किमी दूर तक की निगरानी आसानी से कर लेता है। अंतर केवल ड्रोन कैमरा की बैटरी क्षमता में रहता है।
6 लाख रूपए की राशि मंजूर हो गई
नौरादेही वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र में ड्रोन कैमरों की व्यवस्था कराने के संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था। शुरूआत में 4 ड्रोन कैमरों की मांग की गई है। जिसमें से 2 ड्रोन कैमरा खरीदने 6 लाख रूपए की राशि मंजूर हो गई है। कैमरा खरीदने कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। शीघ्र ही ड्रोन कैमरा से नौरादेही अभ्यारण्य की निगरानी शुरू होगी।
डॉ. अंकुर अवधिया, डीएफओ, नौरादेही अभयारण्य