सागर.जन कल्याण व लोकतंत्र के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान व कार्यों पर शोध के लिए डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंबेडकर पीठ स्थापित की जा रही है। इस पीठ के जरिए बाबा साहेब के कृतित्व पर शोध कार्य होगा। इसके अलावा डॉ. हरिसिंह गौर द्वारा लिखित पुस्तक ‘द स्प्रिट ऑफ बुद्धिस्म’ का हिंदी में अनुवाद किया जाएगा। विवि के कुलपति प्रो. आरपी तिवारी ने बताया कि केंद्रीय समाज कल्याण विभाग द्वारा सागर विवि में अंबेडकर पीठ के गठन को स्वीकृति दी है। पीठ के लिए अध्यक्ष का चयन होगा साथ ही एक रिसर्चर व एक कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति होगी। इन सभी पदों के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी होगा।
प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से की मुलाकात
शुक्रवार को सागर संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद नंदलाल चौधरी, आनंद अहिरवार के साथ वरिष्ठ नागरिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से मुलाकात कर पीठ के संदर्भ में चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में राम सिंह अहिरवाल, शिव प्रसाद चौधरी, दशरथ लाल मास्टर, सीपी अहिरवार, काशीराम चौधरी, डॉ. परशुराम विश्वकर्मा, आके राय शामिल थे।
‘मुक्ति पीठ को पुन: शुरू करने के प्रयास होंगे’
विवि में हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व गजानन माधव मुक्ति बोध के नाम पर मुक्ति बोध पीठ राज्य सरकार ने स्थापित की थी। वर्तमान में मुक्तिबोघ पीठ के हालात बेहद नाजुक हैें। विवि कैंपस स्थित पीठ के भवन में कई वर्षों से ताला लटक रहा है। बताया जा रहा है कि राज्य शासन से मिलने वाली 10 हजार रुपए प्रति माह मिलने वाला अनुदान भी संभवत: बंद है।
यह राज्य सरकार द्वारा संचालित पीठ है। मैं इसको संज्ञान में लेकर राज्य शासन से पत्राचार कर जानकारी लूंगा। वस्तुस्थिति का पता लगा कर पीठ को पुन: संचालित करने का प्रयास करूंगा।
प्रो. आरपी तिवारी, कुलपति, विवि
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