(फोटो कैप्शन:सम्मेलन दौरान आमने-सामने पक्ष-विपक्ष।)
सागर.डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन योजना को शुक्रवार को नगर निगम के साधारण सम्मेलन में सशर्त सर्वसम्मति से हरी झंडी दे दी गई। सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने शुरुआत में तो इस योजना का विरोध किया, लेकिन बाद में फिर पार्षद संशोधन के साथ योजना को लागू करने पर राजी हो गए। योजना की शुरुआत छह वार्डों में ट्रायल से ही की जाएगी। सम्मेलन में बिजली कंपनी एस्सेल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
योजनाओं के लिए मिलेंगे 5000 करोड़
महापौर अभय दरे ने सम्मेलन में कहा कि योजना का शुभारंभ 29 अक्टूबर 2014 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। शहर को स्मार्ट सिटी समेत 5000 करोड़ रुपए कई योजनाओं के तहत मिलने हैं। यदि डोर-टू-डोर योजना शहर में शुरू नहीं की गई तो स्मार्ट सिटी पर भी संकट आ जाएगा। पार्षद जब तक योजना के अनुबंध का अध्ययन करेंगे तब तक इसको 6 वार्डों में ट्रायल के लिए शुरू करते हैं।
अभी सिर्फ 6 वार्डों में होगा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन
एजेंसी का कार्य संतोषजनक रहने पर ही 6 वार्डों के बाद अन्य वार्डों में इसको शुरू किया जाएगा। कार्य में यदि कोई गलती होगी तो ठेकेदार की राशि से कटौती की जाएगी। इन शर्तों पर पार्षदों ने योजना को शुरू करने पर अपनी सहमति दी। योजना में शुल्क को लेकर अभी भी निगम ने अपना मत स्पष्ट नहीं किया है, जबकि योजना की एजेंसी प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 60 रुपए लेने की बात कह चुकी है।
योजना के पक्ष में महापौर की दलीलें
महापौर ने कहा कि योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को मिली है। इसका शासन स्तर पर अनुबंध तैयार किया गया है। 31 मार्च 2015 के पहले यदि अनुबंध नहीं होता तो सागर इस योजना में फिर कई सालों तक शामिल नहीं हो पाता। योजना के संबंध में निर्णय लेने का संपूर्ण दायित्व परिषद का है। सफाई कार्य यदि सही नहीं होगा तो परिषद को इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार है। इसी योजना के जरिए स्मार्ट सिटी में 10 अंक मिले।
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