सवाल- स्टाफ की क्या व्यवस्था, सभी विभागों में पर्याप्त हैं या फिर कमी है?
जवाब- चार विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सक ज्वाइन कर चुके हैं, 15 चिकित्सकों का साक्षात्कार जल्द होना है। स्टाफ नर्स एवं अन्य की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी।
जवाब- चार विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सक ज्वाइन कर चुके हैं, 15 चिकित्सकों का साक्षात्कार जल्द होना है। स्टाफ नर्स एवं अन्य की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी।
सवाल- सुपर स्पेशलिटी में कितने मरीजों को भर्ती कराए जाने की क्षमता है, वर्तमान में कितने भर्ती हो रहे हैं?
जवाब- क्षमता तो 240 बेड की है लेकिन अभी फिलहाल करीब 100 की संख्या में औसत मरीज भर्ती हो रहे हैं। यहां गंभीर मरीज ही रखे जाते हैं, इसलिए अधिकांश को संजयगांधी अस्पताल भेजा जाता है।
जवाब- क्षमता तो 240 बेड की है लेकिन अभी फिलहाल करीब 100 की संख्या में औसत मरीज भर्ती हो रहे हैं। यहां गंभीर मरीज ही रखे जाते हैं, इसलिए अधिकांश को संजयगांधी अस्पताल भेजा जाता है।
सवाल- सुपर स्पेशलिटी में मरीज सीधे आते हैं या फिर दूसरे अस्पताल से रेफर होकर आते हैं?
जवाब- फिलहाल हृदय रोग के मरीजों को सीधे अटेंड किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें त्वरित उपचार की आवश्यकता होती है। अन्य दूसरे विभागों से जुड़े मरीजों का पहले दूसरे अस्पताल में परीक्षण होता है, रेफर होकर वह आते हैं।
जवाब- फिलहाल हृदय रोग के मरीजों को सीधे अटेंड किया जा रहा है, क्योंकि उन्हें त्वरित उपचार की आवश्यकता होती है। अन्य दूसरे विभागों से जुड़े मरीजों का पहले दूसरे अस्पताल में परीक्षण होता है, रेफर होकर वह आते हैं।
सवाल- आउटडोर में मरीजों को देखने की क्या व्यवस्था, कोई भी आ सकता है या फिर रेफर वाले ही आते हैं ?
जवाब- आउटडोर में कोई भी मरीज दिखवा सकता है, हर दिन संबंधित विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के बैठने का दिन निर्धारित है। फिलहाल करीब डेढ़ सौ से अधिक मरीज हर दिन आ रहे हैं।
जवाब- आउटडोर में कोई भी मरीज दिखवा सकता है, हर दिन संबंधित विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के बैठने का दिन निर्धारित है। फिलहाल करीब डेढ़ सौ से अधिक मरीज हर दिन आ रहे हैं।
जवाब- नेफ्रोलॉजी और न्यूरोलॉजी दो विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की जल्द ही पोस्टिंग होगी और उपचार शुरू हो जाएगा।
सवाल- सुपर स्पेशलिटी में ऐसा क्या खास है, जिससे लोगों को पहली बार सुविधा मिल रही हो?
जवाब- अभी तक रीवा में कैथलैब, न्यूरोसर्जरी और यूरोलॉजी में दूरबीन पद्धति के उपचार की व्यवस्था नहीं थी। सबसे अधिक इन्हीं के लिए दूसरे शहरों में लोग जाते थे। इसलिए कह सकते हैं कि जिसकी जरूरत थी, उसकी पूर्ति सुपर स्पेशलिटी के जरिए हो गई है।
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जवाब- अभी तक रीवा में कैथलैब, न्यूरोसर्जरी और यूरोलॉजी में दूरबीन पद्धति के उपचार की व्यवस्था नहीं थी। सबसे अधिक इन्हीं के लिए दूसरे शहरों में लोग जाते थे। इसलिए कह सकते हैं कि जिसकी जरूरत थी, उसकी पूर्ति सुपर स्पेशलिटी के जरिए हो गई है।
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