फर्जी नियुक्तियों के पीडि़त अभ्यर्थियों से पुलिस ने दस्तावेज भी लिए हैं। जिसमें करीब १२ लाख रुपए देने की जानकारी पुलिस को दी गई है। इसी तरह से करीब १२७ की संख्या में अभ्यर्थी बताए जा रहे हैं, जिनसे अलग-अलग विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के नाम पर रुपए लेने की बात कही जा रही है। राहुल सिंह पटेल के खाते में राशि ट्रांसफर करने के साथ ही लाखों रुपए नकदी दिए जाने की भी जानकारी पुलिस को दी गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी गई सूचना के आधार पर विश्वविद्यालय थाने में पीडि़त युवक अजीत सिंह एवं अन्य से पूछताछ की गई है। पुलिस अब इस मामले को सिटी कोतवाली थाने को जांच के लिए सौंपेगी। रुपयों का लेनदेन एवं दोनों पक्षों के बीच वार्ता का दौर सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में ही हुआ है। साथ ही इसके पहले कोतवाली थाने में अभ्यर्थियों की ओर से शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन की सूचना पर पुलिस ने परिसर के उस स्थान का भी मुआयना किया है जहां पर इंटरव्यू कराए जाने की सूचना दी गई है। पीडि़त पक्ष का बयान और कुछ दस्तावेजों के साथ ही विश्वविद्यालय थाने से फाइल सिटी कोतवाली थाने को भेजी जाएगी। बताया जा रहा है कि सोमवार को यह मामला कोतवाली पुलिस के पास पहुंच जाएगा। जहां से नए सिरे से जांच प्रारंभ की जाएगी।
विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां देने के नाम पर करोड़ों रुपए के लेनदेन का मामला सामने आया है। जिसमें पीडि़तों ने राहुल सिंह पटेल नाम के युवक का नाम लिया है। साथ ही विश्वविद्यालय के कर्मचारी की भी संलिप्तता सामने आई है। रुपयों का लेनदेन राहुल के साथ ही हुआ था। इसलिए पुलिस भी अब राहुल से पूछताछ करेगी, माना जा रहा है कि उसके पकड़े जाने के बाद ही वस्तु स्थिति का खुलासा होगा कि कितने और लोग इस गोरखधंधे में शामिल रहे हैं।
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने ‘पत्रिकाÓ में प्रकाशित खबर के आधार पर जांच के लिए पत्र दिया था। जिसमें पीडि़त पक्ष का बयान दर्ज किया गया है। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर के जिस स्थान पर इंटरव्यू कराए जाने का दावा किया गया है, उस स्थल का भी मुआयना किया है। लेनदेन से जुड़ा पूरा मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। पहले भी वहां शिकायत की जा चुकी है। इसलिए जांच के लिए उन्हीं को मामला सौंपेंगे।
शिवपूजन सिंह बिसेन, थाना प्रभारी विश्वविद्यालय
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