रीवा। कोरोना संक्रमण की वजह से 60 घंटे का लगातार लॉकडाउन घोषित किया गया है। जिसमें पहले दिन व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। लॉकडाउन के नियमों का पालन कराए जाने के लिए प्रशासन द्वारा शहर के प्रमुख चौराहों एवं नाकों में पुलिस सुरक्षा के साथ ही अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई थी। जिससे अनावश्यक रूप से तफरी करने वाले लोगों को रोका गया। वहीं आवश्यक कार्यों की वजह से एक स्थान से दूसरे स्थानों तक जाने वाले लोगों पर किसी तरह की सख्ती नहीं की गई। कुछ जगह पूछताछ हुई तो कुछ जगह लोगों को नहीं रोका गया। शनिवार और रविवार के दिन लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इसकी शुरुआत एक दिन पहले शुक्रवार की सायं छह बजे से ही हो गई थी। प्रशासन की टीमों ने शहर के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण कर लॉकडाउन के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों के चल रहे उपचार को लेकर जानकारी भी ली। दिन में शहर का भ्रमण करने कलेक्टर इलैयाराजा टी और एसपी राकेश सिंह सहित अन्य अधिकारी भी निकले। जहां पर लॉकडाउन का जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा था उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की गई है। ———- बस स्टैंडों में यात्री बसों नहीं चली, सन्नाटा पसरा रहा शहर के रेवांचल बस स्टैंड और न्यू बस स्टैंड दोनों जगह पर यात्री बसों का संचालन नहीं हुआ। अधिकांश बस आपरेटर्स अपनी बसें स्टैंड के बजाए अपने घरों या दूसरे ठिकानों पर एक दिन पहले ही खड़ी करा दिए थे। इसलिए बस स्टैंडों में अधिक संख्या में बसें नहीं रहीं। कुछ बसें जरूर खड़ी रहीं लेकिन इनका संचालन नहीं हुआ। इनके ड्राइवर, क्लीनिर कुछ जो बसों में ही रुके हैं, वह जरूर घूमते नजर आए। बताया गया है कि कुछ बसें सुबह यह कहते हुए स्टैंड से निकलीं कि वह दूसरी जगह खड़ी करने के लिए ले जा रहे हैं लेकिन बाद में वह ग्रामीण क्षेत्रों में सवारी लेकर चले गए। इस दौरान पुलिस की टीमों ने कई जगह पर जांच लगा दी तो अन्य बसें स्टैंडों से निकली ही नहीं। स्टैंडों में कुछ सवारी जरूर बसों के इंतजार में भटकते पाए गए। इस उम्मीद से ये लोग आए थे कि कोई बस चलेगी तो वह अपने गंतव्य की ओर जाएंगे। —-
ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग भटकते रहे लॉकडाउन के बीच ग्रामीण क्षेत्रों से लोग सवारी वाहनों के जरिए शहर की सीमा तक आए। ग्रामीण क्षेत्रों से यात्री बसें और टैक्सियां सवारियों को लेकर शहर की सीमा तक आई लेकिन यहां पर पुलिस की बेरिकेडिंग की वजह से वाहनों को शहर के भीतर नहीं घुसने दिया गया। इस वजह से यात्रियों को अपने घरों तक पैदल ही जाना पड़ा। कुछ यात्री तो अपने साथ छोटे बच्चे भी लेकर आए थे, जो कड़ी धूप में झोले लेकर सड़क पर भटकते रहे। कुछ जगह पर इन यात्रियों से कड़ी पूछताछ भी की गई जिससे वह परेशान भी हुए। — जरूरत की सामग्री की होम डिलीवरी की व्यवस्था नहीं पूर्व में लॉकडाउन के दौरान लोगों की आवश्यकता से जुड़ी सामग्री उनके घर तक पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था बनाई गई थी। इस बार लॉकडाउन के पहले दिन किराना एवं अन्य उपयोगी सामग्री की होम डिलीवरी की सुविधा अभी नहीं दी गई है। हालांकि अभी केवल दो दिन का लॉकडाउन रखा गया है, जिसकी वजह से लोगों ने पहले ही अपने उपयोग के लिए सामग्री की खरीदी कर डाली थी। माना जा रहा है कि लॉकडाउन कई दिनों तक रहने पर इसकी जरूरत पड़ेगी। — सब्जी मंडी में कम संख्या में पहुंचे लोग सब्जी, फल व्यवसाय को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है। करहिया में थोक सामग्री बिक्री के लिए दोपहर के १२ बजे तक सब्जी मंडी खोले जाने का निर्देश है। जहां पर कम संख्या में सब्जी व्यवसायी पहुंचे। कई फुटकर सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस की पूछताछ कई जगह होती है, पूर्व में सख्ती भी बरती गई थी, इसलिए वह घरों से ही नहीं निकले। दो दिन के बाद लॉकडाउन समाप्त होगा तो फिर से वह सब्जी बेचने का कार्य करने लगेंगे।